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APJ Abdul Kalam Biography In Hindi: डॉ एपीजे अब्दुल कलाम भारत के एक वैज्ञानिक होने के साथ-साथ उन्होंने राजनीतिक शरीर भी बनाया था। भारत के महान वैज्ञानिक डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम भारत में मिसाइल और परमाणु हत्यारों को बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज भी लोग परमाणु हथियार और मिसाइल की भारत में उत्पत्ति के पीछे डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम का हाथ मानते हैं। डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने जीवन में कई ऐसे प्रयास किए थे जिन्हें पढ़ना हमारे लिए प्रेरणा दायक होता है। आज के आर्टिकल में हम आपको डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम बायोग्राफी इन हिंदी (APJ Abdul Kalam Biography In Hindi) के बारे में डिटेल में जानकारी देने का प्रयास करेंगे।
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डॉ एपीजे अब्दुल कलाम बायोग्राफी: APJ Abdul Kalam Biography In Hindi
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुलआब्दीन अब्दुल कलाम है। इन्होंने भारत के राष्ट्रपति पद पर कई साल तक सेवा दी है। राजनीति की सफर में राष्ट्रपति का पद हासिल करने के साथ-साथ इन्होंने वैज्ञानिक होने के तौर पर मिसाइल और परमाणु हथियार के कार्यक्रमों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए भारत में मिसाइल और परमाणु हथियार को बनाने में मदद की है। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जो एक लेखक के रूप में भी कई किताबें लिख चुके हैं। डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की कई कहावतें और मोटिवेशनल कोट्स काफी फेमस है।
- पूरा नाम: अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम
- दूसरा नाम: डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
- जन्म: 15-अक्टूबर -1931
- जन्म स्थान: धनुषकोडी, रामेश्वरम, तमिलनाडु, भारत
- पिता का नाम: जैनुलाब्दीन
- माता का नाम: असीम्मा
- पत्नी: नहीं
- व्यवसाय: इंजीनियर, वैज्ञानिक, लेखक, प्रोफेसर, राजनीतिज्ञ: राष्ट्रीयता भारतीय
- निधन: 27 जुलाई 2015 शिलांग, मेघालय, भारत
- राष्ट्रपति का कार्यकाल: 25 जुलाई 2002 से 25 जुलाई 2007 तक
भारत के परमाणु ऊर्जा में अहम किरदार निभाने वाले अब्दुल कलाम जिन्होंने भारत के मिसाइल मैन की उपाधि हासिल की है। अब्दुल कलाम जी को आज के समय में भी लोग भारत का मिसाइल मैन चेक कर याद करते हैं। परमाणु हथियार कार्यक्रम में सम्मिलित होकर डॉक्टर अब्दुल कलाम ने भारत को कई ऐसे विशेष मिसाइल और परमाणु हथियार उपलब्ध करवाए हैं। जिनके चलते इनको सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भी दिया गया। राष्ट्रपति के रूप में साल 2002 से लेकर साल 2007 तक कार्यरत रहते हुए भी इन्होंने अपने विज्ञानिक कार्यों को साइड में रखने के बारे में नहीं सोचा राष्ट्रपति पद पर कार्यरत होते हुए भी इन्होंने भारत में वैज्ञानिक प्रोफेसर और लेखक के तौर पर कार्य किया है।
एपीजे अब्दुल कलाम प्रारंभिक जीवन
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के प्रारंभिक जीवन के बारे में बात की जाए तो डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म भारत के तमिलनाडु राज्य के रामेश्वर जिले में हुआ है। रामेश्वर जिले में मुस्लिम परिवार से संबंध रखने वाले डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम ने इस धरती पर 15 अक्टूबर 1921 को कदम रखा था। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के पिता जन्मदिन पैसे से किराए पर नाव देने और नई नवा को बेचने का काम करते थे। कलाम जी के पिताजी शुरुआत से ही अनपढ़ थे। लेकिन उनके विचार अन्य लोगों से अलग थे। उन्होंने अपने बेटे को उच्च शिक्षा देने के बारे में पहले से ही सोच रखा था उनके विचार काफी धनी व्यक्ति जैसे थे। उनकी माता असीमा जो घरेलू ग्रहण का काम करती थी।
अब्दुल कलाम को पांच भाई बहन है, जिसमें 3 बड़े भाई और एक बड़ी बहन थी अब्दुल कलाम सबसे छोटे परिवार के सदस्य थे जब अब्दुल कलाम का जन्म हुआ तब परिवार पूरी तरह से गरीबी में ढूंढ रहा था। लेकिन परिवार की मदद डॉक्टर अब्दुल कलाम ने छोटी उम्र से ही करना शुरु कर दि थी।
परिवार की गरीबी देखते हुए डॉक्टर अब्दुल कलाम ने छोटी उम्र में न्यूज़पेपर बेचना शुरू किया। स्कूल के दिनों में स्कूल के समय स्कूल जाकर पढ़ाई करते और सुबह के समय में जल्दी उठकर न्यूज़पेपर बेचा करते थे। डॉक्टर अब्दुल कलाम को गणित के विषय में बहुत ही ज्यादा अत्यधिक रुचि थी और इसी वजह से गणित के विषय में हमेशा स्कूल में अव्वल रहते थे।
अब्दुल कलाम की प्रारंभिक शिक्षा
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की प्रारंभिक शिक्षा सेचवर्टस वर्ड्स हायर सीनियर सेकेंडरी स्कूल रामनाथपुरम तमिल नाडु में हुई।
स्कूल के दिनों में ही डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की ख्वाहिश और उम्मीद अन्य विद्यार्थियों की तुलना में अधिक थी डॉ एपीजे अब्दुल कलाम अपने तीन मूल मंत्र उम्मीद, कॉन्फिडेंस और ख्वाहिश की वजह से ही हर परेशानी का सामना करते हुए मंजिल को हासिल की थी।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने सेंट जोसेफ कॉलेज से 1954 में भौतिक विज्ञान से बीएससी की डिग्री हासिल की और 1955 को मद्रास चले गए डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम लड़ाकू विमान के पायलट बनना चाहते थे। इसी के चलते उन्होंने इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी इन एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की शिक्षा ग्रहण करने के लिए आईएएस की परीक्षा देने के लिए मतदान गए और वहां पर डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को नौवां स्थान मिला था लेकिन परिणाम आज घोषित किए गए जिसके चलते उनको असफलता हाथ लगी।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने अपनी स्नातक की डिग्री पूरी करने के बाद प्रोजेक्ट इंचार्ज के माध्यम से रॉकेट का एक मॉडल तैयार किया जिसके लिए उन्हें प्रोजेक्ट इंचार्ज के द्वारा 3 दिन का समय मिला था। लेकिन इन्होंने 24 घंटे में इस लक्ष्य को पूरा कर के प्रोजेक्ट तैयार कर दिया इंचार्ज को विश्वास नहीं हुआ और यह मॉडल इतना जल्दी पूरा हुआ कि प्रोजेक्ट इंचार्ज आश्चर्यचकित हो गए थे।
अब्दुल कलाम का करियर
कॉलेज में अच्छे अंकों के साथ डिग्री हासिल करने के बाद इन्होंने अपने चुनाव तक की डिग्री के बाद रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन में वैज्ञानिक के रूप में शामिल हुए उसके बाद वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के साथ भी इन्होंने काम किया 1969 में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम इसरो अनुसंधान केंद्र में शामिल हो गए
वहां पर इन्होंने अपने परियोजनाओं को ध्यान में रखते हुए कई प्रकार के महत्वपूर्ण कार्य किए वैज्ञानिक के तौर पर इन्होंने प्रथम उपग्रह रोहिणी को भारत की प्रथम कक्षा में 1980 में स्थापित किया था। इसके पश्चात डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम 1963 464 में नासा अमेरिकी अनुसंधान संगठन का भी दौरा किया था भारत के प्रसिद्ध परमाणु वैज्ञानिक राजा रमन्ना ने पहला परमाणु परीक्षण किया जिसमें डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को परीक्षण के समय बुलाया गया था।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की उपलब्धियों को देखते हुए उस समय भारत के प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने कैबिनेट को मंजूरी देते हुए डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को गुप्त कार्यों को करने की अनुमति दी थी और गुप्त कार्यों की अनुमति मिलने के बाद डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने कई प्रकार के परमाणु हथियार और मिसाइलों को तैयार करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का राष्ट्रपति बनने का सफर
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम अपने कार्यों में हर तरह से सफलता हासिल करते हुए आगे बढ़े थे। वैज्ञानिक तक का सफर हासिल करने के बाद उन्हें राष्ट्रपति जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार के द्वारा साल 2002 में राष्ट्रपति पद पर चयनित किया गया। जिसके बाद साल 2002 से लेकर साल 2007 तक भारत के 11 राष्ट्रपति के रूप में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने 25 जुलाई 2002 को शपथ ग्रहण की थी। राष्ट्रपति बनने के बाद उन्हें भारत रत्न पुरस्कार भी मिला डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को भारत रत्न पुरस्कार लेने वाले तीसरे राष्ट्रपति रहे।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के पुरस्कार
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने जीवन में बहुत सारे पुरस्कारों को हासिल किया था।
- डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को साल 2014 में डॉक्टर ऑफ साइंस का पुरस्कार एडिनबर्ग विश्वविद्यालय यूनाइटेड किंगडम के द्वारा दिया गया था।
- डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को 2012 में डॉक्टर ऑफ रोज मानद उपाधि साइमन फ्रेजर विश्वविद्यालय के द्वारा प्रदान की गई थी।
- डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को सबसे पहला पद्म भूषण पुरस्कार 1986 में मिला था।
- साल 2008 में डॉक्टर ऑफ इंजीनियरिंग का पुरस्कार सिंगापुर की नानयांग टेक्नोलॉजी विश्वविद्यालय के द्वारा प्रदान करवाया गया था।
- साल 2009 में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को कौन कौन बैंक का पुरस्कार अंतरराष्ट्रीय कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के द्वारा दिया गया था।
- 1998 में भारत सरकार के द्वारा डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को वीर सावरकर पुरस्कार प्रदान करवाया गया था।
- 1997 में इंदिरा गांधी द्वारा राष्ट्रीय एकता पुरस्कार डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को दिया गया था।
- डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को भारत रत्न 1997 में दिया गया।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की किताबें
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने लेखक के तौर पर कई किताबें लिखी थी जो आज भी विख्यात है और उन्हें पढ़ना लाखों लोगों को पसंद है क्योंकि डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के द्वारा लिखी गई किताबों में इतना ज्ञान भरा हुआ है कि हर कोई उन्हें पढ़ना चाहता है। डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की लिखी गई किताबों के बारे में नीचे कुछ जानकारी दी गई है।
- इंडिया 2020: ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम
- माई जर्नी
- इग्नाटिड माइंड्स- अनलीशिंग द पॉवर विदिन इंडिया
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का निधन
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का निधन 25 जुलाई 2015 को 84 साल की उम्र में आई आई एम भारतीय प्रबंध संस्थान शिलांग में हुआ था। हार्ड अटैक आने की वजह शाम को 6:30 पर बैठा नहीं अस्पताल ले जाने के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
निष्कर्ष
आज के आर्टिकल में हमने आपको डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की बायोग्राफी (APJ Abdul Kalam Biography In Hindi) के बारे में पूरी जानकारी दी है। हमें उम्मीद है, कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी यदि किसी व्यक्ति को हमारे इस आर्टिकल से जुड़ा हुआ कोई भी सवाल है, तो वह हमें कमेंट के माध्यम से बता सकता है।