Chanakya biography in hindi: आज हम आपको इस आर्टिकल के द्वारा “चाणक्य बायोग्राफी इन हिंदी” के बारे में जानकारी विस्तार पूर्वक बताने जा रहे हैं। चाणक्य के विषय में पूरी जानकारी के लिए आपको हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़ना होगा। आइए जानते हैं…
Chanakya biography in hindi – जो भी व्यक्ति है अपने जीवन में बहुत विषम परिस्थितियों का सामना करके आज सफलता की ऊंचाइयों पर चल रहे हैं। उन लोगों को चाणक्य के बारे में पूरी जानकारी होगी अर्थात वह चाणक्य को बहुत अच्छे से जानते होंगे। चाणक्य का असली नाम विष्णु गुप्त कौटिल्य था। चाणक्य एक प्रसिद्ध दार्शनिक अर्थशास्त्री और एक राजनेता माने जाते थे।
आचार्य चाणक्य ने अपने महान विचारों से सभी का जीवन सफल बनाया है। अगर कोई भी व्यक्ति उनके विचारधाराओं को अपना ले तो उसका जीवन सार्थक हो जाता है। आचार्य चाणक्य ने बुद्धिमता कुशाग्र विचारों से कूटनीति राजनीतिक की बहुत ही सरल और आसान तरीके में व्याख्या भी की है। हमारे देश में चाणक्य को एक समाज का कुशल सेवक और विद्वान भी माना गया है।
चाणक्य ने अपनी कुशाग्र बुद्धि और कई प्रकार की नीतियों के दम पर बड़े-बड़े विशाल साम्राज्य को स्थापित किया है। तो आज हम आपको इस महान विद्वान चाणक्य के जीवन के बारे में (Chanakya biography in hindi) व्याख्या इस आर्टिकल में बताने जा रहे हैं। चाणक्य के जीवन से जुड़ी हुई हर वह जानकारी आपको देंगे। चाणक्य की जीवनी, चाणक्य का परिवार, शिक्षा, Chanakya biography in hindi, जाति, धर्म, मृत्यु इन सभी का वर्णन आपको इस आर्टिकल में पढ़ने को मिलेगा। आइए जानते हैं चाणक्य बायोग्राफी इन हिंदी के बारे में पूरी विस्तार से जानकारी…
चाणक्य की बायोग्राफी Chanakya biography in hindi
नाम | विष्णुगुप्त कौटिल्य |
पूरा नाम | चाणक्य और भारत
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प्रसिद्धि | भारतीय राजनीतिक शास्त्र और अर्थशास्त्र के जनक |
जन्म | 375 ई. |
जन्म स्थान | तक्षशिला गोला क्षेत्र के गांव चणक में |
होम टाउन | तक्षशिला |
मृत्यु का समय | 283 ई |
उम्र | 75 वर्ष |
आखिर चाणक्य कौन थे?
भारत के प्रसिद्ध शिक्षक दार्शनिक अर्थशास्त्री राजनेता के रूप में चाणक्य जाने जाते थे। इन्होंने भारत का प्रसिद्ध राजनीतिक ग्रंथ अर्थशास्त्र भी लिखा था। मौर्य वंश की स्थापना में चाणक्य की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही है। चाणक्य का जन्म एक गरीब परिवार में होने की वजह से इनकी शिक्षा तक्षशिला में हुई थी। तक्षशिला जो कि वर्तमान समय में पाकिस्तान में है और उत्तर पश्चिम भाग में प्राचीन शिक्षा का केंद्र भी रह चुका था।
चाणक्य अर्थशास्त्र राजनीतिक युद्ध नीति चिकित्सा ज्योतिष जैसी विषय पर ज्ञान रखने वाले एक बहुत बड़े विद्वान व्यक्ति थे। चाणक्य ने अपने करियर की शुरुआत शिक्षक के रूप में की थी और सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के एक भरोसेमंद सहयोगी भी बन कर रहे थे। सम्राट के मुख्य कलाकार के रूप में चंद्रगुप्त काम करते थे। चंद्रगुप्त को मगध क्षेत्र में नंद वंश को उखाड़ फेंकने में भी इन्होंने मदद की थी और नई शक्तियां दिलाने में चंद्रगुप्त मौर्य को भी शिक्षा दी थी। चंद्रगुप्त मौर्य के पुत्र बिंदुसार के भी यह मुख्य सलाहकार के रूप में नियुक्त थे।
चाणक्य की जीवनी
नाम | कौटिल्य |
पत्नी का नाम | यशोमती |
व्यवसाय | महामंत्री, शिक्षक, दार्शनिक,अर्थशास्त्री |
प्रसिद्ध | दार्शनिक, अर्थशास्त्री, कूटनीतिक |
शिक्षा | समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र,राजनीतिक शास्त्र |
हॉबी | पुस्तक पड़ना,लिखना,भाषण देना |
चाणक्य के जन्म के बारे में कुछ स्पष्ट उल्लेख अभी तक प्राप्त नहीं हुए हैं बौद्ध धर्म के अनुसार उनका जन्म 350 ईसा पूर्व का कुटिल नामक एक ब्राह्मण वर्ष में माना जाता है इनके पिता ऋषि कनक था और माता कनकेश्वरी देवी था। चाणक्य को भारत का मैकियावेली भी कहा जाता था। बचपन से ही चाणक्य ने वेदों शास्त्रों का अध्ययन किया था और राजनीति के बारे में भी इन्होंने बहुत कुछ सीखा था।
इनका जन्म एक गरीब ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इनके जन्म के बाद एक दांत इनके मुंह में ऐसा था जो ऐसी मान्यता थी कि वह राजा बनने की निशानी है। उनकी मां एक बार ज्योतिष की बातें सुनकर बहुत डर गई थी ज्योतिष के अनुसार “चाणक्य बड़ा होकर राजा बनेगा और राजा बनने के बाद में मां-बाप को भूल जाएगा। तब उनकी मां ने चाणक्य के दांत तोड़ दिया। चाणक्य ने अपनी मां से वादा किया कहा कि माँ चिंता नहीं करो मैं तुम्हारी बहुत अच्छे से देखभाल करूंगा”
चाणक्य का एक दांत टूटने की वजह से वह बिल्कुल अच्छे नहीं लगते थे। टूटे दांत, काले रंग,टेडी टांग का हर कोई उनका मजाक बनाना था। उनके अंदर हमेशा क्रोध की ज्वाला बनी रहती थी। अपनी पढ़ाई को पूरा करने के बाद में चाणक्य ने तक्षशिला नालंदा के आसपास के सभी क्षेत्रों में एक शिक्षक के रूप में अपने कैरियर को शुरू किया था।
चाणक्य के अंदर एक दृढ़ विश्वास था कि “एक सुंदर महिला जो भी सुंदर शरीर से एक इंसान को एक रात ने खुश कर सकती है तो मन से भी ज्यादा खूबसूरत औरत आपकी पूरी जिंदगी को खुश कर सकती है अर्थात आपको जिंदगी भर खुश रख सकती है।”
चाणक्य का पारिवारिक परिचय
चाणक्य ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद में उनका विवाह एक ब्राह्मण वंश में यशोधरा नाम की एक लड़की से हो गया था। यशोधरा भी उनकी जैसे बिल्कुल खूबसूरत नहीं थी। उसके काले रंग की वजह से हमेशा उसका मजाक बनता रहता था।
एक बार अपनी पत्नी अपने भाई के घर मायके में एक समारोह में गई थी तो उनकी गरीबी का भी लोगों ने बहुत मजाक उड़ाया। इससे नाखुश होकर उनकी पत्नी ने चाणक्य को राजा धनानंद से मिलने और उनसे कुछ उपहार रूप में पैसे लेने की सलाह दी।
चाणक्य की राजा धनानंद से मुलाकात
मगध के सम्राट धनानंद ने ब्राह्मणों के लिए भोजन का आयोजन करवाया राजा के पास में चाणक्य भी अखंड भारत के सुझाव को लेकर उपहार प्राप्त करने की इच्छा से शामिल हुए थे। लेकिन राजा ने उनके बदसूरत चेहरे को देखकर उनका अपमान किया और उनके पूरे सुझाव को भी खारिज कर दिया।
तब चाणक्य को बहुत गुस्सा आया और उन्होंने इस नंद वंश को समाप्त करने की पूरी तरह कसम खा ली थी। राजा धनानंद ने उनको गिरफ्तार करने के भी आदेश दे दिए लेकिन चाणक्य वहां से भाग गए थे।
वहां से भागने के बाद में चाणक्य ने धनानंद के पुत्र पिता से दोस्ती कर ली और उनको सिंहासन पर कब्जा करने के लिए प्रेरित किया। राजकुमार को दिए गए इस प्रस्ताव से प्रसन्न हो गए। धनानंद के पुत्र का चाणक्य ने पूरी तरह से मन जीत लिया था।
चाणक्य की चंद्रगुप्त मौर्य से मुलाकात
अब चाणक्य को एक ऐसे नायक की तलाश थी जो कि इस धनानंद को उसके संपूर्ण साम्राज्य को खत्म कर सके। उनकी यह तलाश चंद्रगुप्त को मिलने के बाद खत्म हो गई। चंद्रगुप्त को इन्होंने पूरी तरह से प्रशिक्षित करके धनानंद के पुत्र को मौत के घाट उतरवा दिया।
इस तरह से चाणक्य ने चंद्रगुप्त को 7 साल तक कठोर सैन्य प्रशिक्षण दिया और चाणक्य के ही मार्गदर्शन में चंद्रगुप्त मौर्य एक प्रशिक्षित सक्षम योद्धा बन चुके थे। चाणक्य के सही मार्गदर्शन में चंद्रगुप्त मौर्य ने नंद वंश को खत्म करके और मौर्य वंश की स्थापना कर ली थी।
माता | कनकेश्वरी देवी |
पिता | चणक |
धर्म | हिन्दू |
गुरु | ऋषि चणक |
जाति | ब्राह्मण |
चाणक्य मौर्य मौर्य साम्राज्य के प्रधानमंत्री
आचार्य चाणक्य चंद्रगुप्त मौर्य के साम्राज्य में प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त हो गए थे राज्य में उनके कार्यों के सही निर्णय और उनकी सही सलाह के लिए ही उनका नाम दूर-दूर तक बहुत प्रसिद्ध था। चाणक्य ने धनानंद के समय से चलते आ रहे भ्रष्टाचार, आतंक, विद्रोह इन सभी बुराइयों को पूरी तरह से खत्म कर दिया था।
चाणक्य चंद्रगुप्त मौर्य के पुत्र बिंदुसार के समय में भी प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त रहे थे। बिंदुसार को पता चला कि उनकी मां के पेट को चीर दिया गया था। तब बिंदुसार ने उनको प्रधानमंत्री के पद से हटा दिया था।
चाणक्य की मृत्यु का कारण
बिंदुसार ने जब चाणक्य को वापस से प्रधानमंत्री बनने के लिए कहा तो चाणक्य ने मना कर दिया। उस समय सुबंधु नाम के व्यक्ति ने जिसने बिंदुसार को गलत बात कहकर उकसाया था कि चाणक्य ने बिंदुसार की मां को मार दिया और चाणक्य बिंदुसार से जलता है यह भी उसने कहा था। लेकिन बिंदुसार को सही जानकारी होने के बाद में चाणक्य को अपने पास वापस बुलाने की योजना बनाई।
उसके बाद बिंदुसार ने ही उसे सुबंधु को चाणक्य के पास में शांत करने के लिए और वापस लाने के लिए भेजा। चाणक्य उस समय वृद्ध हो गए थे। तब वह जंगल में कुटिया बनाकर रहने लग गए थे। सुबंधु नाम का ब्राह्मण चाणक से बहुत जलता था। इस वजह से जब बिंदुसार ने चाणक्य को मना कर वापस लाने के लिए कहा तो सुबंधु ने जाकर चाणक्य को उसकी कुटिया समेत जलाकर मार दिया।
आचार्य चाणक्य ने उनको श्राप दिया जिसकी वजह से वह पागल हो गया और अपने मंत्री पद को भी छोड़ दिया था। महान व्यक्तित्व वाले चाणक्य का देहांत होने के बाद भी आज तक उनको एक विद्वान व्यक्ति के रूप में जाना जाता है। चाणक्य ने बहुत सारी अर्थव्यवस्था, राजनीतिक व्यवस्था, नीति की बातें धरोहर के रूप में दी है और लोगों को सिखाई है।
निष्कर्ष
आज हमने इस आर्टिकल के माध्यम से आप सभी को चंद्रगुप्त मौर्य की जीवनी (Chanakya biography in hindi) के बारे में पूरी जानकारी बताई है।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको जो भी जानकारी हमने इस लेख में दिए वह आपको जरूर पसंद आएगी।