Kadambini Ganguly Biography In Hindi: आपको जानकर हैरानी होगी कि Kadambini Ganguly पूरे दक्षिण एशिया की पहली ऐसी महिला थी जो कि चिकित्सक में स्नातक पास थी, जिसकी वजह से यह बहुत ज्यादा प्रसिद्ध हो गई और आज हम Kadambini Ganguly Biography In Hindi के बारे में इसी की वजह से पढ़ भी रहे हैं।
पहले के समय में भारत देश अंग्रेजों का गुलाम था यह बात हर किसी को पता है, उस दौरान किसी भारतीय महिला को चिकित्सक में स्नातक पास तो दूर किसी महिला को पढ़ने की तक अनुमति नहीं थी, यह हमारे भारत की पुरानी प्रथा है और फिर जैसे जैसे समय बदल रहा है वैसे-वैसे भारत की परंपराएं रीति रिवाज सब कुछ बदलता जा रहा है।
किंतु उस समय कादंबिनी गांगुली जी ने किस प्रकार से चिकित्सक में स्नातक की पढ़ाई पूरी की होगी इसका अंदाजा हम भी नहीं लगा सकते हैं, क्योंकि उस समय यह करना बहुत ज्यादा मुश्किल था जिस वजह से हमारे मन में उनके बारे में बहुत सी बातें जानने की जिज्ञासा रहती है।
अगर आप भी Kadambini Ganguly जी के विषय में विस्तार पूर्वक जानना चाहते हैं, तो आज हम आपको अपने लेख के अंतर्गत Kadambini Ganguly Biography In Hindi के जरिए कादंबिनी गांगुली के बारे में संपूर्ण जानकारी देने की कोशिश करेंगे,जिसके जरिए आपके मन के जितने भी सवाल हैं वह सारे समाप्त हो जाएंगे।
कादम्बिनी गांगुली बायोग्राफी: Kadambini Ganguly Biography In Hindi
नाम | कादंबिनी गांगुली |
प्रसिद्द | भारत की पहली महिला स्नातक और पहली महिला फ़िजीशियन। |
जन्म तारीख | 18 जुलाई 1861 |
जन्म स्थान | भागलपुर, बिहार |
मृत्यु तिथि | 3 अक्टूबर 1923 |
मृत्यु का स्थान | कोलकाता |
मृत्यु का कारण | हाई ब्लड प्रेसर |
उम्र | 63 वर्ष (मृत्यु के समय ) |
शिक्षा | चिकित्सक में स्नातक |
कॉलेज | बेथ्यून कॉलेज |
विश्वविद्यालय | कलकत्ता विश्वविद्यालय कलकत्ता मेडिकल कॉलेज |
पेशा | डॉक्टर |
आपको बता दें कि यह ना सिर्फ पहली चिकित्सक में स्नातक बल्कि यह पहली फिजीशियन भी थी, इनका जन्म 18 जुलाई 1861 में भागलपुर बिहार में हुआ था। इनका धर्म हिंदी और इनकी जाति ब्राह्मण थी।
Kadambini Ganguly का शुरुवाती जीवन
आपको बता दे की यह शुरवात में बांग्लादेश में रहती थी किंतु कुछ कारणों से यह भागलपुर बिहार में आ गई, जिसके बाद ही kadambini Ganguly का जन्म हुआ, इनका जन्म एक बंगाली परिवार में हुआ और इनका पालन पोषण भी बंगाली परिवार में ही हुआ है।
इनके पिता जी का नाम ब्रजकिशोर बासु था, जो की एक हेडमास्टर थे और इनके पिता जी इनसे बहुत प्यार करना चाहते थे और बचपन से ही ब्रजकिशोर जी को अपने बेटी से बहुत से आशाएं थी, और यह अपनी बेटी को एक अच्छी और पढ़ी लिखी बनाना चाहते थे, किंतु उस समय में किसी लड़की को पढ़ाना लिखाना अच्छा नहीं माना जाता था।
इनके पिता जी जब इनको पढ़ाना लिखाना चाहते थे तब कई सारे लोग इनका विरोध करने लगे किंतु इनके पिता जी ने हर हालातों का सामना करते हुए अपने बेटी को चिकित्सक में स्नातक की पढ़ाई कराई।
Kadambini Ganguly का परिवार
जब यह अपनी कॉलेज की पढ़ाई कर रही थी, तब इनकी मुलाकात द्वारकानाथ गांगुली से हुई जिसके बाद 12 जून, 1883 को इन्होंने द्वारकानाथ गांगुली से विवाह किया। जिसके बाद इनके 8 बच्चे थे जिनके नाम निरुपमा हलदर, निर्मल चंद्र गांगुली, प्रफुल्ल चंद्र गांगुली, जोयतीर्मयी गांगुली, ,प्रभात चंद्र गांगुली, अमल चंद्र गांगुली, ,हिमानी गांगुली और जयंती बर्मन थे।
Kadambini Ganguly शिक्षा
जैसा की मेने आपको बताया है की इनके पिता इनको एक पढ़ी लिखी लड़की बनाना चाहते थे, जिस कारण से ब्रजकिशोर जी ने इनका दाखिला बंगा महिला विद्यालय में कराया।
Kadambini Ganguly ने 1878 को कलकत्ता विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया जिसके अंतर्गत इन्होंने BA की परीक्षा को सफलता पूर्वक पास किया और एक इतिहार रचा, जिसके बाद इनका विरोध पूरे समाज ने किया फिर भी इन्होंने 23 जून 1883 को मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया। यह बचपन से ही पढ़ाई में अच्छी थी, जिसकी वजह से मेडिकल कॉलेज में इनकी अच्छी पढ़ाई के कारण इनको 2 साल 20 रुपए की छात्रवृति भी मिली।
Kadambini Ganguly Ji के संघर्ष
कदंबिनी गांगुली जी एक चिकित्सक में स्नातक थे यह बात सभी को पता है लेकिन आपको बता दें कि यह एक परोपकारी महिला दी जिन्होंने अपनी पढ़ाई विदेश से की उसके बाद जब वह वापस भारत आई तब इन्होंने भारत में महिलाओं के लिए आवाज उठाई और महिलाओं को उनका हक दिलाने के लिए आंदोलन की शुरुआत भी की।
जैसा कि आपको पता होगा कि भारतीय कांग्रेस पार्टी की शुरुआत 1885 से हुई, जिस समय भारतीय कांग्रेस पार्टी में किसी महिला को बोलने का और अपना मत रखने का अधिकार नहीं था, किंतु कादंबिनी गांगुली जी के पति द्वारकानाथ गांगुली जी इसका विरोध काफी समय से कर रहे थे।
और फिर कुछ समय बीतने के बाद 1889 में भारतीय कांग्रेस पार्टी में अपना मत रखने के लिए 6 महिलाओं को चुना गया जिसमें कादंबिनी गांगुली जी भी शामिल थे, जिन्होंने महिलाओं को उनका हक दिलाने के लिए कई सारे कार्य की और बहुत से मत भी दिए।
Kadambini Ganguly मृत्यु
जैसा की मेने आपको बताया कि यह एक परोपकारी महिला थी, जिन्होंने महिलाओं के लिए आवाज उठाई किंतु कभी भी यह पता नही चलने दिया की इनको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है और न कभी अपने कार्यों को अपनी इस समस्या को वजह से रोका। 3 अक्टूबर, 1923 को जब यह एक मरीज का इलाज करके अपने घर वापस आई तब 63 वर्ष की आयु के इनकी मृत्यु हाई ब्लड प्रेशर के कारण हो गई।
निष्कर्ष
आज के आर्टिकल में हमने आपको Kadambini Ganguly Biography In Hindi के बारे में जानकारी दी है। हमें उम्मीद है, की हमारे द्वारा दी गयी जानकारी आपको पसंद आई होगी। यदि किसी व्यक्ति को हमारे इस आर्टिकल से जुड़ा हुआ कोई सवाल है तो आप हमें कमेंट में बता सकते है।