महादेवी वर्मा की बायोग्राफी

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Mahadevi Verma Biography In Hindi: आज के समय में हर एक व्यक्ति सफल तो बनना चाहता है लेकिन उनको सफलता हासिल करने के लिए मेहनत नही करनी होती है जिस कारण से वह अपनी किस्मत को ही बेकार कहना शुरू कर देता है और फिर वह कभी भी अपने जीवन में सफल नहीं बन पाता है।

लेकिन आज भी बहुत से ऐसे महान लोग है जिन्होंने अपनी किस्मत से लड़कर अपने लक्ष्य को हासिल किया है और उन्होंने सफलता हासिल करने के लिए हर एक संभव प्रयास किया है जिस वजह से उनको बहुत प्रसिद्धि मिली है और उनको हर एक व्यक्ति जानता हैं।

इनमे से एक नाम महादेवी वर्मा जी का भी है इन्होंने अपने लेखन कार्य से सारे जग में अपना नाम किया और सभी के बीच अपनी एक अलग पहचान बनाई जिस वजह से वर्तमान में भी हर बच्चा इनकी कविताओं और लेखन को पढ़ता है।

अगर आपने भी महादेवी वर्मा के लेख को पढ़ा है और आप भी इनके बारे में विस्तार से जानना चाहते है तो आज हम आपको अपने लेख में महादेवी वर्मा जीवनी बताने जा रहे है जिसकी सहायता से आपके मन के सारे सवाल समाप्त हो जायेंगे और आपको इनसे जुड़ी हर एक जानकारी भी मिल जायेगी।

महादेवी वर्मा जीवनी: Mahadevi Verma Biography In Hindi

नाममहादेवी वर्मा
जन्मदिन26 मार्च 1907
जन्म स्थानफर्रुखाबाद उत्तर प्रदेश भारत
पितागोविंद सहायक बर्मा
माताश्रीमती हेमरानी
पतिडॉ. स्वरूप नारायण वर्मा
दादाबांके बिहार
मृत्यु11 सितंबर 1987
मृत्यु स्थानप्रयागराज, उत्तर प्रदेश
प्रारंभिक शिक्षाइंदौर
उच्च शिक्षाप्रयाग
Mahadevi Verma Biography In Hindi
Mahadevi Verma Biography In Hindi

आपको बता दे की महादेवी वर्मा छायावादी युग की प्रमुख कवियत्री है, आपको जानकर हैरानी होगी की आधुनिक हिंदी साहित्य में इनको मीरा बाई के नाम से जाना जाता है। इन्होंने आधुनिक गीत काव्य में अपनी विशेष जगह बनाई हुई है साथ में इन्होंने एक गद्य लेखिका में अपना महत्वपूर्ण योगदान भी दिया है।

आपने सत्याग्रह आंदोलन का नाम तो जरूर सुना होगा तो आपको बता दे की इस आंदोलन के दौरान जो कवि सम्मेलन हुआ था उसमे इन्होंने ने भी भाग लिया था जिसमे इनको प्रथम पुरुस्कार से नवाजा गया था।

महादेवी वर्मा का जीवन परिचय

इनका जन्म 26 मार्च 1907 को फर्रुखाबाद, उत्तरप्रदेश में हुआ था, इनके पिता जी का नाम गोविन्द प्रसाद वर्मा जो की एक वकील थे और इनकी माता जी का नाम हेमरानी देवी जो की एक कवियत्री थी और इनका एक भाई और एक बहन भी थे।

जैसा की मेने आपको बताया है की इनकी माता जी एक कवियत्री थी तो इनके घर का मोहाल भी लेखन कार्य में ही थी जिस वजह से बचपन से ही इनकी रुचि भी लेखन कार्य में थी और फिर मात्र 7 वर्ष की आयु में ही इन्होंने कविताएं लिखना शुरू कर दिया था।

महादेवी वर्मा की शिक्षा

Mahadevi Verma Biography In Hindi
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आपको बता दे की इनकी प्रारंभिक शिक्षा इंदौर से हुई थी और इसके बाद उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए ये 1919 में प्रयाग आ गई किंतु इनका विवाह 9 वर्ष की आयु में ही नारायण वर्मा से हो गया जिस वजह से इनकी शिक्षा पूरी नहीं हो पाई हालांकि कुछ समय के बाद इन्होंने इलाहाबाद कॉलेज के छात्रावास में रहकर अपनी शिक्षा करी।

इनको पढ़ने में बहुत रुचि थी जिस वजह से जब यह 8वीं कक्षा में थी तब यह पूरे भारत वर्ष में प्रथम स्थान पर आई थी इसके साथ साथ 10वीं कक्षा में अपने ज्ञान से इन्होंने प्रथम स्थान प्राप्त किया और फिर 1928 में इन्होंने एक गर्ल्स कॉलेज से बी ए की शिक्षा प्राप्त की, इसके बाद 1933 में इन्होंने अपना एम ए की पढ़ाई पूरी की।

जब यह अपनी एम ए की पढ़ाई पूरी की थी उससे पहले इनकी दो कविताएं रश्मि और निहार प्रकाशित हो चुकी थी, इसके बाद इन्होंने काव्य जगत में कार्य करना शुरू किया।

महादेवी वर्मा जी समाज सुधारक 

यह एक प्रमुख कवियत्री तो थी है साथ में यह एक समाज सुधारक भी थी इन्होंने मुख्य रूप से महिला सशक्तिकरण पर बहुत कार्य किए है, आपको बता दे की इन्होंने महिलाओ को उनका हक दिलाने और समाज में महिलाओं को सम्मान दिलाने के लिए कई सारे क्रांतिकारी कदम उठाए और कई सारे कार्य भी किए।

महादेवी वर्मा जी से जुड़ी कुछ रोचक बातें

Mahadevi Verma Biography In Hindi
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  • ऊपर मेने आपको बताया है की इनका विवाह मात्र 9 वर्ष की आयु में हुआ था लेकिन आपको बता दे की इन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन एक अविवाहित के रूप में ही गुजारा है।
  • आपको जानकर हैरानी होगी की महादेवी वर्मा जी की रुचि न सिर्फ साहित्य में बल्कि चित्रकारिता और संगीत में भी थी।
  • इनको गाय माता से बहुत प्यार से और साथ में यह सभी पशुओं से बहुत प्यार करती थी।
  • आपको जानकर हैरानी होगी की इनके पिता जी मांसाहारी थे किंतु इनकी माता शाकाहारी थी।
  • यह इलाहाबाद महिला विद्या पीठ की प्रधानाचार्य रह चुकी है।

महादेवी वर्मा की मृत्यु

महादेवी वर्मा जी जिन्होंने अपने जीवन में आधुनिक हिंदी साहित्य को महत्वपूर्ण भूमिका दी और अपना योगदान दिया और फिर सबके दिलो में अपनी जगह बनाते हुए, इनका देहावसान 11 सितंबर 1987 को इलाहाबाद, उत्तरप्रदेश में हुआ था।

निष्कर्ष

आज के आर्टिकल में हमने आपको के बारे में जानकारी दी है। हमे उम्मीद है, हमारे द्वारा दी गयी जानकारी आपको पसंद आई होगी। आपको हमारे आर्टिकल से जुड़ा कोई सवाल है तो आप हमें कमेंट के जरिए बता सकते है।

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Rahul Singh

राहुल सिंह एक युवा लेखक है तथा ज्यादातर ऑनलाइन गेमिंग, लोटरी, फेंटेसी गेम, क्रिप्टो करेंसी और शेयर मार्किट से जुड़ी खबरें लिखते है।