पीवी सिंधु की बायोग्राफी

Share on:

P V Sindhu Biography In Hindi : आज के इस आर्टिकल में हम आपसे बात करने जा रहे हैं पीवी सिंधु के बारे में। पीवी सिंधु जी हां जो एक भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक में रजत पदक जीतकर पहली भारतीय महिला होने का रिकॉर्ड बनाया है।

पीवी सिंधु भारत की पहली महिला खिलाड़ी हैं जिन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप में जीत हासिल की है। इसी के साथ वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में शानदार जीत दर्ज हासिल करके खिताब जीता है। 8 अगस्त 2022 को बर्मिंघम में राष्ट्रीय मंडल खेल 2022 में महिला एकल के फाइनल बैडमिंटन मैच में कनाडा की मिशेल ली को हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया है। एक पत्रिका के अनुसार 2018 और 2019 में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली महिला एथलीटों की सूची में अपना नाम दर्ज किया है। आज के इस आर्टिकल में पीवी सिंधु (P V Sindhu Biography In Hindi) के बारे में जानेंगे।

पीवी सिंधु का जीवन परिचय: P V Sindhu Biography In Hindi 

P V Sindhu Biography In Hindi
P V Sindhu Biography In Hindi
पूरा नामपुसरला वेंकट सिंधु
उम्र27 साल 2022
जन्म तिथि5 जुलाई 1995
जन्म स्थानहैदराबाद भारत
राष्ट्रीयताभारतीय
गृह नगरहैदराबाद भारत
राशिकैंसर

5 जुलाई 1995 को पीवी सिंधु का जन्म हैदराबाद में हुआ था। पीवी सिंधु ने केवल 8 साल की उम्र में ही बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया था।

पीवी सिंधु का पारिवारिक परिचय

पिता का नामपी वी रमन पूर्व वॉलीबॉल खिलाड़ी
माता का नामपी विजया पूर्व वॉलीबॉल खिलाड़ी
बहन का नामपी वी दिव्या

पीवी सिंधु के पिताजी का नाम पी वी रमण है। उनकी माता का नाम पी विजया है। उनके माता और पिता दोनों ही देश के पूर्व वॉलीबॉल खिलाड़ी रह चुके हैं। उनकी एक बहन भी है जिनका नाम पी वी दिव्या है। साल 2000 में उनके पिताजी को उनके खेल के लिए अर्जुन अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। पीवी सिंधु के परिवार वालों की शुरू से ही खेल में रुचि रही है इसीलिए घर के माहौल से प्रभावित होकर पीवी सिंधु भी बैडमिंटन चैंपियन बन रही है।

हालांकि उन्होंने अपने माता-पिता को देखने के बाद वॉलीबॉल को नहीं चुना बल्कि उन्होंने बैडमिंटन खेल का चुनाव

किया। इसके पीछे की वजह यह है कि वह पुलेला गोपीचंद की सफलता से काफी ज्यादा प्रभावित थी जो 2001 में ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियन बने थे जिसके बाद 8 साल की उम्र से ही पीवी सिंधु ने भी बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया था।

पीवी सिंधु की शुरुआती प्रशिक्षण और कोच

P V Sindhu Biography In Hindi
P V Sindhu Biography In Hindi

पीवी सिंधु ने बैडमिंटन सीखने की शुरुआत सिकंदराबाद में इंडियन रेलवे इंस्टीट्यूट ऑफ सिग्नल इंजीनियरिंग एंड टेलीकम्युनिकेशन में महबूब अली की देखरेख में शुरू की थी। इसके बाद उन्होंने पुलेला गोपीचंद की बैडमिंटन अकादमी में भी दाखिला लिया था।

उनके कोच पुलेला गोपीचंद के अनुसार सिंधु के व्यक्तित्व की सबसे अच्छी बात यह थी कि वह कभी भी हार नहीं मानती थी और निरंतर प्रयास करती रहती है। द हिंदू के अनुसार कोचिंग के उनके घर से 56 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है इसके बावजूद भी वह रोज समय पर आती थी और रोज अपने खेल को सुधारती थी।।

गुरु पुलेला गोपीचंद के मार्गदर्शन में जीती गई प्रतियोगिताएं

अंडर 10इस कैटेगरी में खेलते हुए इन्होंने 5th सर्वो ऑल इंडिया रैंकिंग चैंपियनशिप का खिताब जीता था
अंडर 10इस कैटेगरी में खेलते हुए पीवी सिंधु ने अंबुजा सीमेंट ऑल इंडिया रैंकिंग में सिंगल खिताब जीता
अंडर 13इस कैटेगरी में खेलते हुए इन्होंने सब जूनियर्स में सिंगल खिताब जीता
अंडर 13इस कैटेगरी में खेलते हुए पीवी सिंधु ने अखिल भारतीय रैंकिंग में युगल खिताब में जीत हासिल की थी
अंडर 13इस कैटेगरी में खेलते हुए भारत में 51 वे रांची राज्य खेलों में गोल्ड पदक जीता था

पीवी सिंधु का करियर

P V Sindhu Biography In Hindi
P V Sindhu Biography In Hindi

पीवी सिंधु ने छोटी सी उम्र में ही बड़े बड़े खिताब अपने नाम कर लिए थे। आइए अब तक के करियर पर एक नजर डालते हैं।

साल 2009

सबसे पहले इन्होंने छोटी सी उम्र में अपना करियर शुरू कर दिया था। 2009 में सब जूनियर एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप में कांस्य पदक की जीत हासिल की थी।

साल 2010

साल 2010 में इन्होंने इरांसल इंटरनेशनल बैडमिंटन 40 कांस्य पदक जीता था। यह बैडमिंटन चैलेंज सिंगल कैटेगरी में धाम इसके बाद इन्होंने बीडब्ल्यूएफ विश्व जूनियर चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल मेक्सिको में भी आयोजित हो रहा था उसमें यह चीनी खिलाड़ी सूड़ी से हार गई थी।

साल 2011 से 2013 तक

2011 इनके लिए काफी अच्छा समय रहा था। इन्होंने मालदीप इंटरनेशनल चैलेंज और इंडोनेशिया इंटरनेशनल चैलेंज में जीत हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने इसी साल में भारत अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन प्रतियोगिता में भी जीत हासिल की। इसके बाद 2012 में ऑल इंग्लैंड ओपन चैंपियनशिप में ताई ट्जु यिंग द्वारा हार का स्वाद चखा था। इसके बाद इसी साल इन्होंने जापानी खिलाड़ी नोजोमी ओकुहारा को हराया भी था।

भारत के श्रीनगर में आयोजित 77 वी सीनियर राष्ट्रीय बैडमिंटन चैंपियनशिप में भाग लेने के बाद इन्होंने घुटने पर चोट खाई थी जिसकी वजह से यह प्रतियोगिता से बाहर हो गई थी, फिर 2013 में यह बेस्ट रैंकिंग 15 पर पहुंच गई थी। इसी साल इन्होंने सिंगापुर के गु जुआन को हराकर मलेशियाई खिताब भी जीता था। इसी साल इन्होंने चाइनीस खिलाड़ी को वर्ल्ड चैंपियनशिप में हराकर सिंगल में रजत पदक जीता। इसके बाद साल 2013 में भारत सरकार की तरफ से बेहतरीन खेल प्रदर्शन के लिए अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

साल 2014 से 2016 तक

2014 में क्वार्टर फाइनल में थाई बैडमिंटन खिलाड़ी को हराया और एशियाई चैंपियनशिप में जीत हासिल की। 2014 में ही बीडब्ल्यूएफ विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में लगातार दो पदक जीतने वाली पहली महिला का रिकॉर्ड भी बनाया। इसके बाद 2016 में उनका प्रदर्शन काफी अच्छा रहा जिसमें इन्होंने मलेशिया के खिलाड़ी को हराकर महिला सिंगल वर्ग का खिताब अपने नाम किया।

साल 2017 से 2018 तक

2017 में दिल्ली में आयोजित इंडिया ओपन सुपर सीरीज में दुनिया नंबर वन खिलाड़ी कैरोलिना को हराकर तूफान मचा दिया था और इसी साल कोरिया ओपन में जापान की ओकुहारा को हराकर जीत हासिल की थी। इनके प्रदर्शन को देखते हुए आंध्रप्रदेश सरकार ने इन्हें डिप्टी कलेक्टर की नौकरी भी दी थी।

इसके बाद 2018 में राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा लिया और मिक्सड इवेंट में स्वर्ण पदक और महिला एकल में कांस्य पदक भी जीता। इसके बाद पीवी सिंधु ने अपने बेहतरीन खेल से विश्व चैंपियनशिप में दूसरी बार रजत पदक जीता और विश्व चैंपियनशिप में 4 पदक प्राप्त किए। सीजन एंड बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर में स्वर्ण पदक जीतकर अपने देश का नाम रोशन किया।

साल 2019 से 2021 तक

साल 2019 में आयोजित विश्व चैंपियनशिप में सेमीफाइनल में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी। इसके बाद 8 मार्च 2020 पीवी सिंधु को बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्स वूमेन ऑफ ईयर का खिताब दिया गया।

साल 2021 और 2022

1 अगस्त 2021 को हुए मुकाबले में उन्होंने चीनी खिलाड़ी को हराकर कांस्य पदक भारत के नाम किया और ओलंपिक में दो मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी।

इसके बाद डबल ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु ने सोमवार 8 अगस्त 2022 को बरनिंघम में राष्ट्रमंडल खेल 2022 में महिला एकल के फाइनल बैडमिंटन मैच में कनाडा की प्रतिनिधि को हरा दिया और भारत को स्वर्ण पदक दिलाया सिंधु के करियर में यह पहला राष्ट्रीय मंडल खेलों का एकल स्वर्ण है।

पीवी सिंधु के राष्ट्रीय सम्मान

  • पदम श्री द यूथ हाईएस्ट सिविलियन अवार्ड ऑफ इंडिया 2015 में।
  • अर्जुन अवार्ड 2013 में।
  • सन 2016 में सिंधु बैडमिंटन खेल में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड से सम्मानित की गई थी।

अन्य सम्मान की जानकारी

  • FICCI ब्रेक थ्रू स्पोर्ट्स पर्सन ऑफ द ईयर 2014 में।
  • NDTV इंडियन ऑफ द ईयर 2014 में।
  • 2015 में मकाऊ ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप जीतने के बाद बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया की तरफ से ₹1000000 दिए गए।
  • 2016 में मलेशिया मास्टर्स में जीतने के बाद बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से ₹500000 दिए गए।
  • ओलंपिक पार्टिसिपेंट के रूप में क्वालीफाई करने पर अभिनेता सलमान खान की तरफ से ₹100000 दिए गए।

पीवी सिंधु का शारीरिक माप

कद5 फ़ीट 10.5 इंच
वजन65 किलो
शारीरिक माप34-26-36
आंखों का रंगकाला
बालों का रंगकाला

निष्कर्ष

इस आर्टिकल में हमने आपको पीवी सिंधु (P V Sindhu Biography In Hindi ) के बारे में कम से कम शब्दों में जानकारी दी है। उम्मीद करते हैं आपको हमारे आर्टिकल पसंद आया होगा।

इससे संबधित और पढ़ें:

Rahul Singh

राहुल सिंह एक युवा लेखक है तथा ज्यादातर ऑनलाइन गेमिंग, लोटरी, फेंटेसी गेम, क्रिप्टो करेंसी और शेयर मार्किट से जुड़ी खबरें लिखते है।