Sardar Vallabhbhai Patel Biography In Hindi: देश में कई महात्मा ने और महापुरुषों ने मिलकर हमारे देश को अंग्रेजो से मुक्त करवाया है। आज के समय में हम आज़ाद भारत को देख रहे तो उसके पीछे देश के कई लोगो का हाथ रहा है। देश के कई लोगो ने अपनी पूरी कोशिश की है। सरदार वल्लभभाई पटेल ने अपने जीवन में बहुत ही बेहतरीन भूमिका निभाई थी। आज के आर्टिकल मे हम आपको Sardar Vallabhbhai Patel Biography In Hindi के बारे में जानकारी देने का प्रयास करेंगे।
सरदार वल्लभभाई पटेल की बायोग्राफी: Sardar Vallabhbhai Patel Biography In Hindi
सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 उनका जन्म नडियाद गांव में हुआ था। सरदार वल्लभभाई पटेल किसान परिवार से संबंध रखते थे। उनके पिता का नाम झवेर भाई था। वह झांसी की रानी की सेना के सदस्य थे।
माता लाडवा देवी का आध्यात्मिकता की और झुकाव था। उनको सज्जन पुरुष बनने के संस्कार उनके माता -पिता द्वारा प्राप्त हुए। 22 वर्ष की आयु में आदर्श रुप से उनको स्नातक होना चाहिए था। तब उन्होंने अपनी मेट्रिकलेशन की। किसी ने यह नहीं सोचा था कि वह पेशेवर रुप से इतना अच्छा कार्य करेंगे। ऐसा माना जाता था कि वहां एक साधारण नौकरी करके गुजर -बसर करेंगे परंतु उन्होंने कानून की डिग्री लेकर सबको गलत साबित कर दिया। बाद मैं उन्होंने लंदन में बैरिस्टर की उपाधि प्राप्त की।
नाम | वल्लभभाई झावेरभाई पटेल |
निक नेम | सरदार, सरदार पटेल |
जन्मदिन
| 31 अक्टूबर 1875 |
उम्र | 75 वर्ष (मृत्यु के समय ) |
जन्म स्थान | नडियाद, बॉम्बे प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत |
मृत्यु की तारीख | 15 दिसंबर 1950 |
मृत्यु की जगह | बॉम्बे (अब, मुंबई) |
शिक्षा | कानून की डिग्री |
स्कूल | पेटलाड, गुजरात में एक स्थानीय स्कूल |
कॉलेज | मध्य मंदिर, इंस ऑफ़ कोर्ट, लंदन, इंग्लैंड |
नागरिकता | भारतीय |
गृह नगर | नदियाड, गुजरात |
धर्म | हिन्दू |
जाति | पाटीदार |
सरदार वल्लभ भाई पटेल का करियर
जब पटेल जी अहमदाबाद में कानून का पालन कर रहे थे। तब उन्होंने गांधीजी का भाषण सुना। गांधीजी के शब्दों का पटेल जी पर गहरा प्रभाव पड़ा। उन्होंने गांधी जी की विचारधारा की प्रशंसा की और जल्दी ही उन्होने भी उनकी विचारधाराओं को अपना लिया उनका अनुसरण करने लगे।
उन्होने हमेशा से ही ब्रिटिश सरकार के कानून और विधियों का विरोध किया। गांधीजी की विचारधारा और ब्रिटिश सरकार की कुनीतियों ने उन्हें स्वतंत्रता संग्राम मे हिस्सा लेने के प्रेरित कर दिया। उनमे जन्मजात नेता बनने के गुण थे।आत्मसमर्पण की भावना कूट-कूट के भरी थी। इन्हीं गुणों के कारण 1917 में भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस के गुजरात विंग के सचिव का पद उनको मिला।
सरदार वल्लभ भाई पटेल के आंदोलन
वह अंग्रेजी सरकार की नीतियों व अत्याचार से नाखुश थे और उनमे आक्रोश की भावना थी। उन्होंने सरकार को किसी भी प्रकार के कर देने से बिल्कुल मना किया था। क्योंकि केरा बाढ के बाद करों कि मांग की ऐसा करने की कारण अंग्रेजी सरकार ने किसानो की जमीन जब्त कर ली। आंदोलन के सफल होने पर उन्हें सरदार की उपाधि प्राप्त हुई। सरदार वल्लभभाई पटेल अहिंसक आंदोलन व नीतियों, साधनों में विश्वास रखते थे।
इसके पश्चात उन्होंने कई प्रकार के आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल हुए और कई लोगों का नेतृत्व किया। उनका मानना था अंग्रेजो के विरूद्ध लड़ाई में हमें जीत तभी मिल सकती है जब हम सब एकजुट होकर लड़े। वहां जनता को प्रेरित करने का कार्य करते थे। और उनके इस प्रयास के फलस्वरुप ही स्वतंत्रता संग्राम में आम जनता ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। सरदार वल्लभभाई पटेल जी को भारत का आयरन मैन लौह पुरुष कहा जाता हैं।
उन्होंने भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई पटेल जी को उनके नेतृत्व और विश्वास के कारण सरदार कि पदवी दी गई। उन्होंने विभिन्न आम आंदोलन का भी नेतृत्व किया और लोगों की मदद की 1942 में गांधीजी ने भारत छोड़ो आंदोलन का प्रारंभ किया। हालांकि सरदार वल्लभभाई पटेल इस आंदोलन को प्रारंभ करना चाहते थे।
परंतु गांधीजी ने इस आंदोलन का प्रारंभ किया इसके बाद वल्लभभाई जी ने कांग्रेस के अन्य सदस्यों से अधिक समर्थन दिया। उन्होंने गांधी की और अन्य सेनानियों के साथ मिलकर इस आंदोलन को चलाया अंग्रेजी सरकार को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया। भारत छोड़ो आंदोलन मैं हमें देशभक्ति की भावना देखने को मिली। वल्लभ भाई पटेल जी ने इस आंदोलन में लोगों को एक जुटे करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सरदार वल्लभ भाई पटेल का गृहमंत्री पदभार
आजादी के बाद ज्यादातर प्रांतीय समितियां पटेल जी के पक्ष में थी। गांधीजी की इच्छा थी इसलिए सरदार वल्लभभाई पटेल में खुद को प्रधानमंत्री पद की दौड से दूर रखा। बाद में उनको उपप्रधानमंत्री, गृहमंत्री पद सोपा गया। जिसके बाद उनका प्राथमिक कार्य देसी रियासतो को भारत मे शामिल करना था। इस काम को बिना लडा़ई- झगड़े के आसानी से कर लिया परंतु हैदराबाद के लिए सेना भेजनी पडी़।
सरदार वल्लभ भाई पटेल का निधन
भारत के एकीकरण में सरदार वल्लभभाई पटेल का महत्वपूर्ण योगदान रहा। 1950 में उनका स्वास्थय खराब हुआ नवंबर 1950 मे वह बिस्तर सवार हो गए। दिसंबर 1950 से उनका हार्टअटैक निधन हो गया पूरे विश्व महान नेता को खोने का शोक मनाया गया।
निष्कर्ष
आज के आर्टिकल में हमने आपको Sardar Vallabhbhai Patel Biography In Hindi के बारे में जानकारी दी है। हमें उम्मीद है, की हमारे द्वारा दी गयी जानकारी आपको पसंद आई होगी। यदि किसी व्यक्ति को हमारे इस आर्टिकल से जुड़ा कोई सवाल है, तो आप हमें कमेंट में बता सकते है। हम आपके सवाल का जवाब जल्द से जल्द देने का प्रयास करेंगे।