31 अक्टूबर या 1 नवंबर, कब है दीपावली 2024? इस साल दीपावली की सही तिथि को लेकर असमंजस बना हुआ है। अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर की शाम से 1 नवंबर की शाम तक रहेगी, लेकिन धर्मसभा में विद्वानों ने निर्णय लिया कि 31 अक्टूबर को दीपावली मनाना ज्योतिषीय दृष्टि से अधिक उचित रहेगा।
प्रमुख कारण यह है कि 31 अक्टूबर की रात में प्रदोष काल और स्थिर लग्न का संयोग उपलब्ध है, जो लक्ष्मी पूजन के लिए सर्वोत्तम माना गया है। वहीं, 1 नवंबर को अमावस्या तिथि केवल शाम 6:16 बजे तक सीमित है, जिससे उस दिन पूजा का समय संक्षिप्त रहेगा। इसके कारण भारत में अधिकांश स्थानों पर दीपावली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
हालांकि, विदेशों में जैसे जापान, सिंगापुर और मलेशिया में 1 नवंबर को पर्व मनाया जाएगा, जिससे इस साल कुछ समुदायों में यह उत्सव दो दिन तक मनाया जाएगा।
अतः धर्मग्रंथों और पंचांगों के आधार पर 31 अक्टूबर को त्योहार मनाना ज्योतिषीय रूप से अधिक मान्य है, लेकिन व्यक्तिगत आस्था और सुविधा के अनुसार दोनों तिथियों को मनाया जा सकता है।
इस वर्ष दीपावली की सही तिथि को लेकर भ्रम उत्पन्न हुआ है क्योंकि अमावस्या तिथि दोनों, 31 अक्टूबर और 1 नवंबर, को पड़ रही है। धार्मिक विद्वानों और पंचांग विशेषज्ञों के बीच परामर्श के बाद अधिकांश स्रोतों ने 31 अक्टूबर को दीपावली मनाने का सुझाव दिया है।
✅ हाइलाइट्स ↕
दीपावली विवाद का कारण
अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर 2024 को दोपहर 3:52 बजे से शुरू होकर 1 नवंबर की शाम 6:16 बजे समाप्त हो रही है। परंपरागत रूप से, लक्ष्मी पूजन के लिए प्रादोष काल (सूर्यास्त के बाद के दो घंटे) को सर्वोत्तम माना जाता है। 31 अक्टूबर की रात इस पूजन के लिए उपयुक्त मानी गई है, क्योंकि प्रादोष काल और स्थिर लग्न दोनों इसी दिन उपलब्ध हैं। वहीं, 1 नवंबर को प्रादोष काल का समय बहुत सीमित है, जिससे उस दिन पूजा की शुद्धता प्रभावित हो सकती है।
दीपावली निर्णय धर्मसभा में विद्वानों ने दिया निर्णय
इस विषय पर जयपुर के केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में “दीपावली निर्णय धर्मसभा” आयोजित की गई, जिसमें 100 से अधिक ज्योतिषियों और संस्कृत विद्वानों ने भाग लिया। उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि ज्योतिषीय दृष्टिकोण से 31 अक्टूबर की रात ही पूजा के लिए उचित है। इसके विपरीत, अन्य देशों में, विशेषकर जापान, सिंगापुर, और मलेशिया में, दीपावली 1 नवंबर को मनाई जाएगी।
दीपावली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी
हालांकि दोनों तिथियों पर अमावस्या तिथि मौजूद है, ज्यादातर धार्मिक और ज्योतिषीय विशेषज्ञों ने 31 अक्टूबर को ही लक्ष्मी पूजन और दीपावली मनाने का निर्णय लिया है। यदि कोई 1 नवंबर को भी पर्व मनाना चाहता है, तो वह शाम 5:13 बजे तक ही पूजा कर सकेगा, लेकिन इस दिन का समय सीमित और ज्योतिषीय रूप से कम अनुकूल माना जा रहा है।
अतः ज्यादातर स्थानों पर दीपावली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी, लेकिन कुछ समुदाय और विदेशों में इसे 1 नवंबर को भी मनाएंगे, जिससे इस वर्ष का यह पर्व दो दिनों तक फैला रहेगा।