Bipin Singh Rawat Biography In Hindi:आज के समय में हमारा भारत देश विकसित होने का पूरा प्रयास कर रहा है और हर क्षेत्र में विकास हो रहा है, जिस वजह से जल्दी ही हमारा भारत देश फिर से सोने की चिड़ियां के नाम से जाना जाएगा, यानी की भारत एक बार फिर से विश्व गुरु बनने की पूरी कोशिश कर रहा है।
जैसा की मेने आपको बताया है की भारत में कई सारे क्षेत्र में विकास हो रहा है और उसी प्रकार से भारत के सैनिक बल में भी बहुत से बदलाव हो रहे है, जिसके कारण पहले के मुताबिक वर्तमान में हमारे देश का सैन्य बल बहुत मजबूत है और आने वाले समय में भी इसमें विकास हो रहा है।
जब भी सैन्य बल से जुड़ी बात होगी तब विपिन सिंह रावत का नाम सुनने को नही मिलेगा क्योंकि यह एक बहुत ही काबिल प्रमुख सैनिक थे, जो की एक समय में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद पर विराजमान थे किंतु वर्तमान में इनका निधन हो चुका है।
अगर आपका भी सपना एक सैनिक बनना है या आपको भी सैन्य बल के प्रमुख मुखिया बिपिन रावत रावत की जीवनी पढ़ना चाहते है और इनको अच्छे से जानना चाहते है, तो आज मैं आपको अपने लेख में इनके बारे में विस्तार से बताऊंगा जिससे आपको इनसे जुड़ी कई सारी रहस्यमई जानकारी प्राप्त हो जायेगी। आज के आर्टिकल में हम आपको Bipin Singh Rawat Biography In Hindi के बारे में जानकारी देने की कोशिश करेंगे।
बिपिन रावत बायोग्राफी: Bipin Singh Rawat Biography In Hindi
नाम | बिपिन रावत |
जन्म दिनांक | 16 मार्च 1958 (देहरादून) |
सेवा | भारतीय सेना में |
पद | देश के प्रथम CDS अधिकारी |
उम्र | 61 वर्ष |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
पत्नी का नाम | मधुलिका रावत |
जाती (धर्म) (Caste) | क्षेत्रीय राजपूत (हिन्दू धर्म) |
बच्चे | 2 बेटियां |
बिपिन रावत जीवनी
सबसे पहले आपको बता दे की यह एक भारत के प्रमुख सैनिक थे, जिन्होंने कई वर्षो तक CDS (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) के पद पर विराजमान रहे और इसको संभाला, और यह थल सेना के भी अध्यक्ष रह चुके है। किंतु इतने काबिल और वीर सैनिक ने 63 वर्ष की आयु में स्वर्ग ग्रहण किया।
बिपिन सिंह रावत प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
आपको बता दे की इनका जन्म 16 मार्च 1958 को उत्तराखंड के गढ़वाल में हुआ था, इनके पिता जी का नाम लक्ष्मण सिंह रावत है, जो की एक लेफ्टिनेंट जनरल थे और इनकी माता किशन सिंह परमार की बेटी थी, जो की उत्तरकाशी विधानसभा की विधायक थी।
इसी वजह से बिपिन सिंह रावत जी को शुरुवात से ही भारत से प्यार था और इनको बचपन से सैनिक बनना था, जिसके वजह से इन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करी और फिर देखते देखते ये थल सेना के अध्यक्ष भी बन गए और फिर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ भी बन गए।
इनकी शुरुवाती पढ़ाई के लिए ये देहरादून चले गए जहां पर इन्होंने कैंबरीन हॉल स्कूल और शिमला के सैंट एडवर्ड स्कूल से शिक्षा ग्रहण की और उसके बाद बिपिन सिंह रावत जी ने राष्ट्रीय रक्षा अकैडमी में दाखिला लिया और ग्रेजुएशन की पढ़ाई इन्होंने वेलिंगटन में स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज से की।
बिपिन सिंह रावत का सैनिक करियर
सबसे पहले आपको बता दूं की यह भारत के पहले CDS ऑफिसर है और इन्होंने अपने करियर की शुरुवात 16 दिसंबर 1978 को गोरखा से की, इसमें इनको एक छोटी सी बटालियन में जोड़ा गया। यहां पर विपिन सिंह रावत जी ने बहुत कुछ सीखा और अक्सर विपिन सिंह रावत जी यह बताया करते है, की गोरखा में इन्होंने जो कुछ भी सीखा वह अन्य कभी और किसी स्थान पर नहीं सीखा।
इसके बाद इन्होंने जम्मू कश्मीर में एक मेजर के रूप में एक कंपनी की कमान संभाली, इसके बाद किबिथू में LAC में अपनी बटालियन के साथ कार्य किया, इनके बाद उरी में इन्होंने 19वीं इन्फैंट्री डिवीजन के कमांडिंग जनरल के रूप के कार्य किया।
बिपिन सिंह रावत जी ने लेफ्टिनेंट जनरल बनकर पुणे के दक्षिणी सेना को संभाला, इसके बाद इनकी काबिलियत और वीरता को देखते हुए इनको थल सेना का Chief Of Staff 31 दिसंबर 2016 को बनाया गया।
बिपिन रावत अंतराष्ट्रीय स्तर सैन्य सेवाएँ
भारत के CDS होने के साथ साथ उन्होंने विश्व स्तर पर कई सेवा दी है जिसके बार में जानकारी नीचे दी गयी है।
अंतराष्ट्रीय स्तर पर | 7000 लोगों की जान बचाई |
देशों में सेवा दी | नेपाल, भूटान, कजाकिस्तान इत्यादि |
बिपिन सिंह रावत जी के लेख और सुविचार
आपको जान कर हैरानी होगी की इनको एक लेखक के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि ये अक्सर भारत की राजनीति से जुड़े लेख लिखते है जो की अक्सर पत्रिकाओं में पढ़ने को मिलते है। यह राजनीति में कई तरीके के कटाक्ष करते थे जिसका मुख्य उद्देश्य लोगो तक जानकारी पहुंचना होता है और फिर इनके लेखों को दुनिया में बहुत से लोग पढ़ते है।
जैसा की मेने आपको बताया है की यह अक्सर भारत में राजनीति से जुड़े मुद्दों पर ये लेख लिखते है और कई बार इन्होंने कई सारे सुविचार भी लोगो तक पहुंचाए है, जिसमे से कुछ इस प्रकार है –
- पद कोई भी हो, उसे सही प्रकार से निभाने के लिए टीम वर्क का होना बहुत जरूरी होता हैं।
- उन देशभक्तों की बराबरी हम नही कर सकते है जो की सियाचिन की ठंड में भी देश की सुरक्षा कर रहे है।
- देश की सुरक्षा के लिए हम अकेले कुछ नही कर सकते, हमारा हर एक सैनिक इसका एक हिस्सा होता है और हर एक नागरिक अपने देश के लिए कुछ न कुछ कार्य अवश्य करता है।
बिपिन रावत के पुरस्कार
बिपिन रावत जी ने राष्ट्रीय और अंतरास्ट्रीय स्तर पर कई ऐसी सेवा दी थी जिसके चलते बिपिन रावत जी को पुरष्कार भी दिए गए थे जिसके बार में नीचे जानकारी दी गयी है।
- विशिस्त सेना मैडल
- युद्ध सेना मैडल
बिपिन सिंह रावत मृत्यु
विपिन सिंह रावत जी का 8 दिसंबर 2021 यानी की 63 वर्ष की आयु को तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकॉप्टर हादसे में निधन हो गया, यह हादसा बहुत ज्यादा भयानक था जिस कारण से इसमें इनकी पत्नी और अन्य 12 लोगो को अपनी जान गवानी पड़ी।
निष्कर्ष
भारत के CDS के पद पर अपनी भूमिका निभा चुके बिपिन सिंह रावत को सभी जानते है। भारत के पहले CDS के रूप में चयनित हुए थे और CDS के पद पर ही हेलीकाप्टर क्रैस होने से मृत्यु हो गयी थी। आज के आर्टिकल में हमने आपको Bipin Singh Rawat Biography In Hindi के बारे में जानकारी दी है। हमें उम्मीद है, की हमारे द्वारा दी गयी जानकारी आपको पसंद आई होगी।