Milkha Singh Biography In Hindi: हमारे भारत देश को पहले विश्व गुरु के नाम से जाना जाता था इसके पीछे का कारण यह है की भारत देश में हर व्यक्ति अपने कर्तव्यों पर ध्यान देता था और अपने भारत के लिए ही समर्पित था और फिर भारत देश में हर व्यक्ति के अंदर कोई ना कोई खासियत होती थी, जिस खासियत के जरिए ही बहुत से महापुरुषों ने हमारे भारत देश का मान बढ़ाया है।
इन महापुरुषों की संख्या एक या दो या हजारों में नही बल्कि बहुत थी और आज भी बहुत से लोग है जो की अपने भारत देश का नाम रोशन करना चाहते है और वर्तमान में हम अपनी किताबों में और हमरा अध्यापक हमको इन महापुरुषों की कहानियां सुनाकर हमको प्रोत्साहित किया करते है।
इनमे से ही एक का मिल्खा सिंह भी है इनका नाम तो हर किसी ने जरूर सुना होगा और इनकी कहानियां भी बहुत प्रसिद्ध है और फिर हो भी क्यों ना इनकी कमाल की रफ्तार ने हमारा सारे भारत देश का नाक ऊंचा किया था और आज भी इनका नाम हर कोई जानता है।
अगर आप भी मिल्खा सिंह की कहानियां पढ़ते है और मिल्खा सिंह के बारे में विस्तार से जानना चाहते है तो हम आपको अपने लेख में मिल्खा सिंह जीवनी के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देने जा रहे है जिसके अंतर्गत हम आपको Milkha Singh Biography In Hindi से जुड़ी हर एक जानकारी देने का प्रयास करेंगे और कोशिश करेंगे की इनसे जुड़े आपके मन के सारे सवाल समाप्त जो जाए।
मिल्खा सिंह जीवनी: Milkha Singh Biography In Hindi
पूरा नाम | मिल्खा सिंह (Milkha Singh) |
निकनेम | “फ्लाइंग सिख” (Flying Sikh) |
जन्म स्थान | लायलपुर(पाकिस्तान
|
जन्म वर्ष | २० नवंबर १९२९। (पाकिस्तान के दस्तावेजों के अनुसार जन्म वर्ष) |
ऊँचाई/लंबाई | 5’10” (178 सेंटीमीटर) |
धर्म | सिख। |
पुत्र/पुत्रियों के नाम | जिव मिल्खा सिंह (पुत्र), सोनिया साँवलका (पुत्री) |
पत्नी का नाम | निर्मल सैनी/कौर। |
इनको आज के समय में हर कोई जानता है और इनको प्यार से सब फ्लाइंग सिख के नाम से जाना जाता है, और फिर इनकी रफ्तार ही इनकी ताकत थी और यह भारत के एक सफल एथलीट में से एक थे जिन्होंने अपने भारत का नाम अपनी काबिलियत के दम पर रोशन किया।
इनका बचपन ही बहुत कठिनाइयों से गुजरा था और इनके बचपन में हुए हादसे से इन्होंने जीवन में जीने का मंत्र सिख लिया था और इस हादसे की वजह से ही यह इतनी ऊंचाइयों तक पहुंच पाए, जो की कभी इनका सपना हुआ करता था।
बहुत दुख के साथ यह बताना चाहता हूं की हाल ही में संपूर्ण भारत के संकट यानी की कोरोना काल में यह भी कोरोना के शिकार हो गए और स्वगवास ले लिया भले ही, यह हम सबको छोड़ कर जा चुके हो लेकिन फिर भी यह हमेशा हमारे दिलो में जिंदा रहेंगे।
मिल्खा सिंह जी की शिक्षा
आपको बता दे की मिल्खा सिंह जी की शुरुवाती शिक्षा तो पाकिस्तान के एक गांव के स्कूल से हुई थी उसके बाद यह कभी अन्य कॉलेज गए ही नही यानी की यह सिंह 5वीं कक्षा पास ही है लेकिन इन्होंने अपनी काबिलियत को ही अपना हथियार बनाया और यह दिखा दिया की वह अपनी काबिलियत से कुछ भी कर सकते है।
मिल्खा सिंह जीवन परिचय
इनका जन्म 20 नवंबर 1929 को पाकिस्तान के फैसलाबाद में हुआ था, यह जन्मांक पाकिस्तान के रेकर्ड के हिसाब से लेकिन कुछ रिपोर्ट की माने तो इनका जन्म 8 अक्टूबर 1935 में हुआ था। इनकी काबिलियत के चर्चे यूंही नहीं है बल्कि इनको सब प्यार से द फ्लाइंग सिख के नाम से जानते है और यह भारत देश के पहले इंडिविजुअल एथलीट थे जिन्होंने भारत को कॉमन वेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल दिलाया था।
मात्र 12 वर्ष की उम्र में मिल्खा सिंह जी ने एक भयानक अत्याचार देखा जिसमे इनके माता और पिता की जान चली गई और साथ में इनके अन्य परिवार जन भी मारे गए किंतु किसी तरह मिल्खा सिंह और इनके भाई अपनी जान बचाने में सफल रहे।
इनको भारतीय सेना बहुत पसंद थी और यही वजह थी की शुरवाती समय में यह भारतीय सेना में जाना चाहते थे और इसी वजह से इन्होंने अपने शरीर को उस प्रकार से ढालने का प्रयास किया और दौड़ने के अभ्यास के लिए वह मीटर गेज ट्रेन की रफ्तार के साथ दौड़ा करते थे जिससे यह अपनी दौड़ने की रफ्तार को बढ़ा सके।
मिल्खा सिंह जी को मिला द फ्लाइंग सिख नाम
आपको बता दे की यूंही किसी ने इनका नाम द फ्लाइंग सिख नही रखा बल्की इसके पीछे की एक कहानी है, यह बात 1962 की है जब यह पाकिस्तान में एक रेस के लिए गए थे जिसमे इनका मुकाबला तो कई दावेदारों के साथ था लेकिन इनका मुख्य दावेदार अब्दुल खालिक था जिसने हालही में टोकियो एशियन गेम में गोल्ड मेडल जीता था।
इस दौड़ में इनके ऊपर सभी लोग हस रहे थे लेकिन इन्होंने उन पर ध्यान न देकर अपनी दौड़ पर पूरा ध्यान दिया और फिर इन्होंने अपनी काबिलियत का परिचय देते हुए उस रेस में इतनी तेज दौड़े की ऐसा लग रहा था की यह दौड़ नही बल्कि उड़ रहे हो।
इनकी रफ्तार को देख कर पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने इनका नाम प्यार से द फ्लाइंग सिख पुकारा और इसके बाद यह नाम एक चर्चे का विषय बन गया और देखते देखते यह नाम और मिल्खा सिंह जी सभी के दिलो में समा गए।
मिल्खा सिंह की मृत्यु
मिल्खा सिंह के निधन के बारे में बात करे तो मिल्खा सिंह का निधन 28 जून 2021 को हुआ था। मृत्यु की वजह के बारे में बात करे, तो मिल्खा सिंह कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे और उसके चलते मिल्खा सिंह का निधन हो गया था।
निष्कर्ष
पंजाब के जाने माने धावक के बारे में हम सभी जानते है। मिल्खा सिंह ने अपने जीवन में बहुत सारे पदक जीते थे। आज के आर्टिकल में हमने आपको Milkha Singh Biography In Hindi के बारे में जानकारी दी है। हमें उम्मीद है, की हमारे द्वारा दी गयी जानकारी आपको पंसद आई होगी। यदि आपको हमारे आर्टिकल से जुड़ा कोई सवाल है, तो आप हमें कमेंट में बता सकते है।