उडिपी रामचंद्र राव की जीवनी(Udupi Ramachandra Rao Biography In Hindi): हमारे देश में बहुत सारे वैज्ञानिक हुए हैं और बहुत सारे ऐसे लोग हैं जिन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में काम किया है। इस आर्टिकल में हम आपको उडिपी रामचंद्र राव से रूबरू करवाने जा रहे हैं जो एक भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिक और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष थे।
तिरुवंतपुरम में अहमदाबाद और नेहरू तारामंडल में भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला के गवर्निंग काउंसिल के अध्यक्ष भी थे। इसी के साथ तिरुवंतपुरम में भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान के भी अध्यक्ष थे। भारत सरकार ने प्रोफेसर राव को 1976 में पद्म भूषण और 2017 में पद्मभूषण से सम्मानित किया था। इसी के साथ उन्हें सोसाइटी ऑफ सेटेलाइट प्रोफेशनल इंटरनेशनल के एक सम्मेलन में 19 मार्च 2013 को वाशिंगटन के सेटेलाइट हॉल ऑफ फेम में भी शामिल किया गया था।
आज के इस आर्टिकल में हम आपको उडिपी रामचंद्र राव के जीवन (Udupi Ramachandra Rao Biography In Hindi) से रूबरू करवाने जा रहे हैं। पूरी जानकारी के लिए आर्टिकल में अंत तक बने रहे।
उडुपी रामचंद्र राव का जीवन परिचय: Udupi Ramachandra Rao Biography In Hindi
वास्तविक नाम | उडुपी रामचंद्र राव |
उपनाम | उडुपी राव सेटेलाइट मैन |
जन्म की तारीख | 10 मार्च 1932 |
दिन | गुरुवार |
व्यवसाय | भौतिक विज्ञान वैज्ञानिक |
भाषा का ज्ञान | कन्नड़ हिंदी अंग्रेजी |
मैदान | अंतरिक्ष विज्ञान और उपग्रह प्रौद्योगिकी |
लोकप्रिय | विपिन उपग्रहों का निर्माण डिजाइनिंग और सफल प्रक्षेपण |
उम्र | 85 साल मृत्यु के समय |
जन्म स्थान | उडुपी कर्नाटक |
गृह नगर | उडुपी कर्नाटक |
धर्म | हिंदू |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
जाति | ज्ञात नहीं |
राशि | मीन राशि |
मृत्यु दिवस | सोमवार |
मृत्यु | 24 जुलाई 2017 |
मृत्यु का स्थान | बेंगलुरु भारत |
प्रारंभिक जीवन
उडुपी रामचंद्र राव का जन्म कर्नाटक राज्य के आदमरु में हुआ था। उनके माता-पिता लक्ष्मी नारायण आचार्य और कृष्ण वेणी अम्मा थे। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने जन्म स्थान से ही पूरी यदि उनकी माध्यमिक शिक्षा क्रिश्चियन हाई स्कूल उडुपी से पूरी हुई।
पारिवारिक परिचय
माता का नाम | कृष्णावेणी अम्मा |
पिता का नाम | लक्ष्मी नारायण आचार्य |
पत्नी का नाम | यशोदा राव |
बच्चों का नाम | बेटी – माला राव बेटा – मदन राव |
शिक्षा की जानकारी
डॉक्टरेट योग्यता | पीएचडी 1960 में |
कॉलेज का नाम | भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला अहमदाबाद |
पोस्ट ग्रेजुएशन योग्यता | एमएससी में पोस्ट ग्रेजुएशन 1994 में |
कॉलेज का नाम | बनारस हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी |
शैक्षिक योग्यता | बीएससी में स्नातक 1952 में |
कॉलेज का नाम | गवर्नमेंट आर्ट्स एंड साइंस कॉलेज अनंतपुर कर्नाटक |
12वीं स्कूल का नाम | क्रिश्चियन हाई स्कूल उडुपी कर्नाटक 1949 में |
हाई स्कूल का नाम | क्रिश्चियन हाई स्कूल उडुपी कर्नाटक |
रामचंद्र राव ने मद्रास विश्वविद्यालय से स्नातक और 1954 में बीएचयू से पोस्ट ग्रेजुएशन पूरी की थी। इसके बाद उन्होंने 1960 में गुजरात विश्वविद्यालय से पीएचडी पूरी के लिए अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने अमेरिका में टेक्सास विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी और 1966 में वह भारत वापस आ गए थे।
उडुपी रामचंद्र राव का शारीरिक माप
ऊंचाई | सेंटीमीटर में 170 सेंटीमीटर मीटर में 1.70 मीटर इंच में 5’7 |
किलोग्राम में वजन | 73 किलो |
वजन पाउंड में | 160 एलबीएस |
शरीर का मापन | ज्ञात नहीं |
आंखों का रंग | काला |
बालों का रंग | काला सफेद |
उडुपी रामचंद्र राव का करियर
जब वह भारत लौट आए तब उन्होंने अपने करियर की असलियत में शुरुआत की थी। सबसे पहले वह प्रसिद्ध पीआरएल फिजिकल रिसर्च लैबोरेट्री अहमदाबाद में प्रोफेसर बन गए थे। डॉ विक्रम साराभाई के मार्गदर्शन में उन्होंने एक अलौकिक किरण विज्ञानिक का काम शुरू किया और वह एक वैज्ञानिक बन गए।
इसके बाद उन्होंने मेनिनार 2 का उपयोग करते हुए वैज्ञानिक के रूप में वह सौर पवन की निर्बाध प्रकृति एवं भू चुंबकत्व पर इसके परिणाम की शुरुआत करने वाले पहले व्यक्ति बने।
यह उनका सबसे पहला अध्ययन था जिसने इस और ब्रह्मानिया किरण घटना और इंटरस्टेलर अंतरिक्ष के विद्युत चुंबकीय स्थिति में बहुत बड़ा योगदान निभाया।
उडुपी राव का करियर इसरो (ISRO) में
उन्होंने सबसे पहले 1972 में देश के उपग्रह प्रौद्योगिकी के निर्माण की जिम्मेदारी ली थी। उनके मार्गदर्शन में आर्यभट्ट से लेकर अगले 18 ग्रह जो भारत में लांच किए गए थे APPLE, INSAT 1, INSAT 2 , रोहिणी उनमें से उपग्रह थे।
इसके बाद 1985 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का अध्यक्ष रामचंद्र राव को बनाया गया। इस पद को संभालने के बाद उन्होंने विकास प्रक्रिया की गति और बढ़ा दी और 1992 में पीएसएलवी रॉकेट का शुभारंभ किया। इसमें उनका सबसे ज्यादा योगदान था। उनके उल्लेखनीय योगदान में क्रायोजेनिक प्रौद्योगिकी का विस्तार और अन्य लोगों के बीच पीएसएलवी वाहन लॉन्च को शामिल किया गया।
प्रो यू आर राव ने ब्रह्माणी किरणों अंतर वैयक्तिक भौतिकी उच्च ऊर्जा खगोल विज्ञान अंतरिक्ष अनुप्रयोग और उपग्रह और रॉकेट प्रौद्योगिकी को लेकर कवर करते हुए 350 से अधिक वैज्ञानिक और तकनीकी पत्र प्रकाशित किए और उन्होंने बहुत सारी किताबें भी लिखी थी।
1976 में भारत सरकार ने रामचंद्र को पदम भूषण से सम्मानित किया। इसके बाद 2017 में तीसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार और 2017 में पद्मा विभूषण है जो दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
19 मार्च 2013 को वॉशिंगटन डीसी यूएसए में अत्यधिक प्रतिष्ठित सेटेलाइट हॉल ऑफ फेम में शामिल होने वाले राव पहले भारती अंतरिक्ष वैज्ञानिक बने। इसके बाद मेक्सिको की गुआदालाजार में अत्यधिक प्रतिष्ठित IFA हॉल ऑफ फेम में शामिल होने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिक बन गए थे।
उडुपी द्वारा लिखी गई किताबें
1. यू आर राव, के कस्तूरीरंगन, केआर श्रीधर मूर्ति और सुरेंद्र पाल (संपादक), संचार में परिपेक्ष्य, विश्व वैज्ञानिक (1987) आईएसबीएन 978-9971-978-76-1
2. Book name – यू आर राव, पीस एंड एजेंडा 21 केयरिंग फॉर प्लेनेट अर्थ, प्रिज्म बुक्स प्राइवेट लि., बंगलोर (1995)
3. यू आर राव, स्पेस टेक्नोलॉजी फॉर सोनस्टेबले डेवलपमेंट, टाटा मैकग्रे हिब पब, नई दिल्ली (1996)
उडुपी राव की उपलब्धियां और पुरस्कार
- 1975 : कर्नाटक राज्योत्सव पुरस्कार
- 1975 : हरिओम विक्रम साराभाई पुरस्कार
- 1975 : अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार
- 1976 : पद्मा भूषण
- 1980 : नेशनल डिजाइन अवॉर्ड
- 1980 : इलेक्ट्रॉनिक साइंस एंड टेक्नोलॉजी शेत्र में वास्तविक रिसर्च अवॉर्ड
- 1983 : कर्नाटका राज्योत्सव पुरस्कार
- 1987 : पीसी महालनोविस पुरस्कार
- 1993 : ऊर्जा और एयरोस्पेस क्षेत्र में ओमप्रकाश भसीन पुरस्कार
- 1993 : मेघनाद सहा पदक
- 1994 : पीसी चंद्र पुरस्कार पुरस्कार
- 1994 : ELCINA द्वारा इलेक्ट्रॉनिक्स मैन ऑफ द ईयर अवार्ड
- 1995 : जहीर हुसैन मेमोरियल अवॉर्ड
- 1995 : आर्यभट्ट पुरस्कार
- 1995 : जवाहरलाल नेहरू पुरस्कार
- 1996 : एसके मित्रा जन्मशताब्दी स्वर्ण पदक
- 1997 : युद्धवीर फाउंडेशन अवार्ड
- 1997 : विश्व भारती विश्वविद्यालय का रवींद्रनाथ टैगोर पुरस्कार
- 1999 : विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए गुर्जर मल मोदी पुरस्कार
- 2001 : कन्नड विश्वविद्यालय हंपी से नादोजा पुरस्कार
- 2001 : INAE इंजीनियरिंग में लाइफटाइम कंट्रीब्यूशन अवार्ड
- 2002 : सर एम विश्वेश्वरैया मेमोरियल अवॉर्ड
- 2003 : प्रेस ब्यूरो ऑफ इंडिया वर्ल्ड
- 2004 : विश्व भारती फाउंडेशन हैदराबाद से स्टार ऑफ इंडिया अवार्ड
- 2004 : विशेष पुरस्कार 2004 कर्नाटक मीडिया अकादमी
- 2005 : भारत रत्न राजीव गांधी उत्कृष्ट नेतृत्व पुरस्कार
- 2007 : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड
- 2007 : कर्नाटक विज्ञान और प्रौद्योगिकी अकादमी के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक स्वर्ण पदक
- 200 : अवार्ड : विश्वमानवा सम्मान से विश्व मानव पुरस्कार
- 2007 : एवी रामा राव प्रौद्योगिकी पुरस्कार
- 2008 : आईएससी ऐसे 2007- 2008 के लिए जवाहरलाल नेहरू जन्म शताब्दी पुरस्कार
- 2017 : पद्मा विभूषण
अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित
- 1973 : नासा यूएसए द्वारा ग्रुप अचीवमेंट अवार्ड
- 1975 : विज्ञान अकादमी यूएसएसआर द्वारा मेडल ऑफ ऑनर
- 1991 : यूएसएसआर का यूरी गागरिन पदक
- 1992 : में अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर एलन डी एमिल पुरस्कार
- 1994 : फ्रैंक जे मालिका पुरस्कार
- 1996 : COSPAR का विक्रम साराभाई पदक
- 1997 : सोंसेटेबल डेवलपमेंट के लिए बुक स्पेस टेक्नोलॉजी के लिए इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ एस्ट्रोनोटिक्स का उत्कृष्ट पुस्तक पुरस्कार
- 2000 : आईएसपीआरएस का ऐडवर्ड डोलजल पुरस्कार
- 2004 : स्पेशल न्यूज़ पत्रिका में उन्हें शीर्ष 10 अंतरराष्ट्रीय व्यक्तियों में से एक के रूप में नामित किया, जिन्होंने 1989 के बाद से दुनिया में नागरिक वाणिज्य और सैन्य स्थान में पर्याप्त अंतर बनाया है।
- 2500 : थियोडोर वॉन कर्मन पुरस्कार जो अंतरराष्ट्रीय एकेडमी ऑफ एस्ट्रोनॉटिक्स का सर्वोच्च पुरस्कार है
- 2013 : सोसाइटी ऑफ सेटेलाइट प्रोफेशनल्स इंटरनेशनल द्वारा सैटेलाइट हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया
- 2016 : इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉटिक्स फेडरेशन द्वारा हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया
उडुपी रामचंद्र की मृत्यु
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यू आर राव का स्वर्गवास 24 जुलाई 2017 शनिवार को इंदिरानगर बेंगलुरु कर्नाटक में हुआ। उस समय उनकी आयु 85 वर्ष की थी।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल में हमने आपको उडुपी रामचंद्र राव (Udupi Ramachandra Rao Biography In Hindi) के बारे में सभी प्रकार की जानकारियां दी है। कम से कम शब्दों में उनके जीवन परिचय को बताया है। इसी के साथ उनकी उपलब्धियों के बारे में भी चर्चा की है।
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