पाकिस्तान चुनाव 2024: हिंसा और विलंब के बीच अनिश्चितता का माहौल

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पाकिस्तान में 2024 के आम चुनावों के दौरान चुनावी प्रक्रिया में व्याप्त हिंसा और तकनीकी समस्याओं के कारण वोटों की गिनती में भारी विलंब देखने को मिल रहा है।

मोबाइल फोन सेवाओं का निलंबन और “इंटरनेट समस्या” ने इस विलंब को और भी बढ़ा दिया है, जिससे चुनावी परिणामों की प्रतीक्षा कर रहे नागरिकों में चिंता और अधीरता की भावना उत्पन्न हो रही है।

पाकिस्तान चुनावी आयोग ने पोलिंग समाप्त होने के दस घंटे बाद पहले आधिकारिक परिणाम की घोषणा की, लेकिन इन परिणामों से कोई स्पष्ट नेता सामने नहीं आया है।

मुख्य मुकाबला जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थित उम्मीदवारों और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग के बीच देखा जा रहा है। यह माना जा रहा है कि नवाज शरीफ की पार्टी को पाकिस्तानी सेना का समर्थन प्राप्त है।

चुनावी हिंसा ने भी इस दौरान एक गंभीर मोड़ ले लिया है। बलूचिस्तान प्रांत में एक महिला पोलिंग स्टेशन के बाहर हुए विस्फोट में दो बच्चों की मौत हो गई, जबकि डेरा इस्माइल खान जिले में एक अन्य विस्फोट और गोलीबारी में पांच पुलिसकर्मी मारे गए।

इस्लामिक स्टेट ने बलूचिस्तान में चुनावी उम्मीदवारों के कार्यालयों के पास हुए दो विस्फोटों के लिए जिम्मेदारी ली है, जिसमें कम से कम 26 लोगों की मौत हुई।

चुनावी परिणामों में विलंब और हिंसा की इन घटनाओं ने पाकिस्तानी लोकतंत्र पर कई प्रश्न उठाए हैं। नागरिकों और विश्व समुदाय की नज़रें इस बात पर टिकी हैं कि कैसे पाकिस्तान इस चुनौतीपूर्ण समय में न्याय और शांति की राह पर आगे बढ़ता है।

चुनाव परिणामों के अंतिम विश्लेषण के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि पाकिस्तान में किसकी सरकार बनेगी।

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About Journalist Dilip Soni: दिलीप सोनी वरिष्ठ पत्रकार और मीडिया एक्सपर्ट है, द जैसलमेर न्यूज और जयपुर न्यूज टुडे के संस्थापक और मुख्य संपादक है।