वैदिक ज्योतिष: जानिए कौनसा ग्रह आपकी आयु के किस वर्ष में डालता है सर्वाधिक प्रभाव

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भारतीय वैदिक ज्योतिष में ग्रहों का मनुष्य जीवन पर गहरा प्रभाव बताया है। नवग्रह आपकी उम्र के अलग अलग पड़ावों में असर डालते है। किस वर्ष से कौनसे ग्रह का प्रभाव शुरू हो रहा है उसका आकलन करने से आप बहुत सी परेशानियों से बच जाएंगे।

जैसे देखिए वृहस्पति आयु के 16वें वर्ष में प्रभाव डालता है इस उम्र में वृहस्पति का अच्छा प्रभाव होने पर व्यक्ति अच्छी शिक्षा और धार्मिक शिक्षा ग्रहण करता है। उसे कम उम्र में अध्यात्म ज्ञान की प्राप्ति हो जाती है।

इसी तरह सूर्य, चंद्रमा और शुक्र 22 से 25 वर्ष की आयु में जातक पर विशेष प्रभाव डालते है। इस उम्र में व्यक्ति नौकरी, विवाह और भविष्य के विचार करता है।

मंगल 28वें वर्ष में जातक पर प्रभाव डालता है उस समय भाईयो और जमीन जायदाद बंटवारा से जुड़े मामले होते है।

बुध 34वें वर्ष में जातक के व्यापार को लेकर प्रभाव देता है तो शनि 36वें वर्ष में मकान, सामाजिक प्रतिष्ठा और राजनीति जैसे विषयों में लाभ या हानि देता है।

राहु और केतु 42वें वर्ष में सक्रिय होते है शुभ होने पर आकस्मिक धन लाभ करवाते है और राजनीति में सफलता देते है। संतान से प्राप्त सुख या दुख के लिए उत्तरदायी होते है।

आइए आज जानते हैं, जातक के जीवन पर ग्रहों का प्रभाव कौन से वर्ष में विशेष रूप से पड़ता है!

सूर्य जातक की आयु के किस वर्ष में प्रभाव डालता है?

जन्म कुण्डली में सूर्य ग्रह का असर जातक के 22वें वर्ष में नजर आता है। सूर्य ग्रह शुभ स्थिति में हो तो जातक को सरकारी कार्यों में पूर्ण लाभ मिलता है।

चंद्रमा जातक की आयु के किस वर्ष में प्रभाव डालता है?

जन्म कुण्डली में जातक को चंद्र ग्रह का असर 24वें वर्ष में नजर आता है। चंद्रमा का जातक की उच्च या शुभ स्थिति में होने पर माता एवं अन्य सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। वहीं अशुभ या नीच होने पर ठीक इसके विपरीत फल प्राप्त होते हैं।

मंगल जातक की आयु के किस वर्ष में प्रभाव डालता है?

जन्म कुण्डली में मंगल ग्रह जातक को 28वें वर्ष की उम्र में असर दिखता है। मंगल के अच्छे होने पर जातक को भाई, मकान, जमीन-जायदाद से संबंधित कार्यों में लाभ मिलता है। वहीं खराब असर होने पर उसे इसके नुकसान मिलते हैं।

बुध जातक की आयु के किस वर्ष में प्रभाव डालता है?

जन्म कुण्डली में बुध ग्रह का असर आयु के 34वें वर्ष में दिखाई देता है। अच्छा होता है तो व्यापार आदि में लाभ प्राप्त होता है और खराब होता है तो हानि की संभावनाएं बढ़ जाती है।

बृहस्पति जातक की आयु के किस वर्ष में प्रभाव डालता है?

जन्म कुण्डली में बृहस्पति को देवगुरु कहा जाता है। किसी भी जातक के जीवन में सबसे पहले बृहस्पति ग्रह का असर होता है। उम्र का 16वां साल बृहस्पति का साल माना जाता है। बृहस्पति यदि चौथे भाव में स्थित होता है तो 16वें साल में व्यक्ति शिक्षा के क्षेत्र में बहुत लाभ अर्जित करता है, वहीं यदि छठे भाव में है तो हानि संभव होती है।

शुक्र जातक की आयु के किस वर्ष में प्रभाव डालता है?

जन्म कुण्डली में शुक्र का असर आयु के 25वें वर्ष में विशेष रूप से देखने को मिलता है। शुक्र नीच का है तो सुख में बाधा उत्पन्न होती है, लेकिन यदि शुक्र अच्छा होता है तो शुक्र पत्नी और सांसारिक सुख प्रदान करता है।

शनि जातक की आयु के किस वर्ष में प्रभाव डालता है?

जन्म कुण्डली में शनि ग्रह का असर जातक की आयु के 36वें वर्ष में दिखाई देता है। अच्छा है तो मकान, व्यवसाय और राजनीति में लाभ , अशुभ हो तो हानि देता है।

राहु जातक की आयु के किस वर्ष में प्रभाव डालता है?

जन्म कुण्डली में राहु ग्रह अपना असर आयु के 42वें वर्ष में दिखाता है। शुभ स्थित में हो राजनीति आदि के क्षेत्र में विशेष लाभ, अशुभ हो तो व्यक्ति को मानसिक तनाव झेलना पड़ता है।

केतु जातक की आयु के किस वर्ष में प्रभाव डालता है?

जन्म कुण्डली में केतु ग्रह अपना असर आयु के 42वें वर्ष में दिखाता है। शुभ हो तो संतान एवं मामा के संबंध में विशेष लाभ मिलता है , अशुभ है तो इसके विपरीत परिणाम दिखाता है।

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About Journalist Dilip Soni: दिलीप सोनी वरिष्ठ पत्रकार और मीडिया एक्सपर्ट है, द जैसलमेर न्यूज और जयपुर न्यूज टुडे के संस्थापक और मुख्य संपादक है।