रमा एकादशी व्रत 2024: जाने एकादशी कब है और कब होगा पारण?

Share on:

लोगों में कंफ्यूजन बना हुआ रमा एकादशी कब है 27 अक्टूबर को या फिर 28 अक्टूबर को, ऐसा इस साल तिथियों के घटने-बढ़ने की वजह से कई व्रत और त्योहारों में पंचांग भेद के कारण हैं।


रमा एकादशी की तिथि (2024)

रमा एकादशी कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। द्रिक पंचांग के अनुसार 27 अक्टूबर 2024 को सुबह 07 बजकर 15 मिनट पर एकादशी शुरू होगी। 28 अक्टूबर को 08 बजकर 40 मिनट पर खत्म होगी।

सनातन धर्म में व्रत उदया तिथि के द्वारा मानी जाती है। 28 अक्टूबर को एकादशी तिथि में सूर्योदय होगा। इसी वजह से रमा एकादशी व्रत 28 अक्टूबर को है।

रमा एकादशी का पारण 29 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 23 मिनट से 8 बजकर 35 मिनट के बीच किया जाएगा।

  • रमा एकादशी तिथि प्रारंभ: 27 अक्टूबर 2024 को सुबह 7:15 बजे
  • रमा एकादशी तिथि समाप्त: 28 अक्टूबर 2024 को सुबह 8:40 बजे

रमा एकादशी से संबंधित देवता

रमा एकादशी भगवान विष्णु से संबंधित है। इस व्रत में विष्णुजी की पूजा की जाती है, और रमा (लक्ष्मी) का भी इसमें विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की आराधना करने से भक्तों को भौतिक सुख-समृद्धि के साथ आध्यात्मिक लाभ भी प्राप्त होते हैं।


रमा एकादशी व्रत की पूजा विधि

  1. स्नान और संकल्प:
    प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें। भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए मन, वचन और कर्म से शुद्ध रहने का प्रण करें।
  2. पूजा का आयोजन:
  • एक स्वच्छ स्थान पर भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  • पूजा में पीले वस्त्रों और पीले पुष्पों का उपयोग करें।
  • धूप-दीप, चंदन, अक्षत, पुष्प, और नैवेद्य (फल, मिठाई) अर्पित करें।
  1. विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ:
    विष्णु सहस्त्रनाम या भगवद्गीता के किसी अध्याय का पाठ करें। श्री हरि के नामों का जाप करें।
  2. रात्रि जागरण:
    भक्त इस दिन रात्रि जागरण कर भजन-कीर्तन करते हैं। रातभर जागकर भगवान विष्णु के भजनों का गान किया जाता है।
  3. दान और पुण्य:
    व्रत के दूसरे दिन जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करना अत्यंत पुण्यदायक माना गया है। गौ-दान या अन्न-दान का विशेष महत्व है।
  4. व्रत का पारण:
    द्वादशी तिथि को व्रत का पारण करना अनिवार्य होता है। पारण का समय द्वादशी के सूर्योदय के बाद होता है।

रमा एकादशी व्रत का फल

  • इस व्रत के पालन से व्यक्ति के पापों का नाश होता है।
  • मृत्यु के पश्चात भगवान विष्णु के धाम में स्थान मिलता है।
  • जीवन में सुख, शांति और संपन्नता आती है।
  • यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो कर्ज, दुख, और रोगों से मुक्ति पाना चाहते हैं।

रमा एकादशी का पालन भगवान विष्णु और लक्ष्मी की कृपा पाने का एक सरल और प्रभावी मार्ग है। यह व्रत आत्मशुद्धि के साथ-साथ भक्तों को मोक्ष और सांसारिक सुख दोनों प्रदान करता है।

इससे संबधित और पढ़ें:

News Desk

'द जैसलमेर न्यूज ' जो कि The Jaisalmer News के स्वामित्व वाली मीडिया/ न्यूज कंपनी है, की न्यूज डेस्क में बहुत ही अनुभवी पत्रकारों को शामिल किया जाता है।

Leave a Comment